होम / धर्म / दुश्मनी के बावजूद भी क्यों पांडवों ने कर्ण के बेटे को सौंप दिया था इन्द्रप्रस्थ का राजपाठ? कौन था कर्ण का वो एक बेटा जो रह गया था जीवित?

दुश्मनी के बावजूद भी क्यों पांडवों ने कर्ण के बेटे को सौंप दिया था इन्द्रप्रस्थ का राजपाठ? कौन था कर्ण का वो एक बेटा जो रह गया था जीवित?

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : November 24, 2024, 11:36 am IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

दुश्मनी के बावजूद भी क्यों पांडवों ने कर्ण के बेटे को सौंप दिया था इन्द्रप्रस्थ का राजपाठ? कौन था कर्ण का वो एक बेटा जो रह गया था जीवित?

Vrishketu son of Karna: पांडवों ने वृशकेतु को इन्द्रप्रस्थ का राजपाठ सौंप दिया।

India News (इंडिया न्यूज़), Vrishketu son of Karna: महाभारत की गाथा में हर योद्धा और पात्र की अपनी एक अद्वितीय और दिलचस्प कहानी है, और इनमें से एक प्रमुख पात्र कर्ण का पुत्र था। कर्ण, जिनकी कहानी एक दुखद और संघर्षमय जीवन की कहानी है, उनका जीवन भी कई अनकही बातों से भरा हुआ है। आइए, हम कर्ण के पुत्रों के बारे में जानें और उनके योगदान को समझें।

कर्ण का परिवार और विवाह

कर्ण का जन्म अविवाहित मां कुन्ती के गर्भ से हुआ था, जिन्हें सूर्य देव ने आशीर्वाद दिया था। कर्ण का समाज में जन्म एक महत्त्वपूर्ण बिंदु था क्योंकि उन्हें न तो अपने जन्म के कारण सम्मान मिला और न ही कोई अधिकार। कर्ण का जन्म एक सूतपुत्र के रूप में हुआ, और इस कारण से उसे समाज में उचित सम्मान नहीं मिल पाया।

कर्ण के पिता, आधीरथ ने उन्हें गोद लिया और अपने बेटे की तरह पाला। उनकी इच्छा थी कि कर्ण का विवाह हो, ताकि उनका परिवार और वंश आगे बढ़ सके। कर्ण ने अपने पिता की इच्छा का सम्मान करते हुए रुषाली नाम की सूतपुत्री से विवाह किया। इसके बाद, कर्ण की दूसरी पत्नी का नाम सुप्रिया था, जिनका जिक्र महाभारत की कथाओं में कम मिलता है।

कलियुग की स्त्रियों को लेकर श्रीकृष्ण की अर्जुन से कही ये 3 बातें आज हो रही है पत्थर की लकीर की तरह सच, जानें सबकुछ

कर्ण के पुत्र

कर्ण और उनकी दो पत्नियों, रुषाली और सुप्रिया से नौ पुत्र हुए थे, जिनके नाम थे:

  1. सत्यसेन
  2. सुशेन
  3. शत्रुंजय
  4. द्विपात
  5. वृशसेन
  6. वृशकेतु
  7. चित्रसेन
  8. प्रसेन
  9. बनसेन

इन सभी पुत्रों को महाभारत के युद्ध में भाग लेने का अवसर मिला, लेकिन इनमें से आठ पुत्रों ने युद्ध में वीरगति प्राप्त की। वृशकेतु ही एकमात्र पुत्र था जो युद्ध में जीवित बचा।

शिव की नगरी काशी से कभी नहीं लानी चाहिए ये 2 चीजें घर, पाप नहीं महापाप बन जाएगी आपकी ये भूल?

वृशकेतु का योगदान

कर्ण की मृत्यु के बाद, पांडवों को यह पता चला कि कर्ण उनका बड़ा भाई था। यह सूचना पांडवों के लिए बहुत चौंकाने वाली थी, क्योंकि कर्ण को हमेशा पांडवों का शत्रु माना गया था। कर्ण की वीरता और उनके योगदान को मान्यता देने के बाद, पांडवों ने वृशकेतु को इन्द्रप्रस्थ का राजपाठ सौंप दिया।

वृशकेतु ने महाभारत के युद्ध में अपने पिता कर्ण के अलावा भी शानदार युद्ध कौशल का प्रदर्शन किया था, लेकिन कर्ण की मृत्यु के बाद वह अपने परिवार के वंश को बढ़ाने और अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में सक्षम रहे। पांडवों ने उसे सम्मान दिया और उसके योग्यतानुसार उसे इन्द्रप्रस्थ का राज्य सौंपा।

महाभारत में दुर्योधन के कुकर्मों के बाद भी क्यों मिला स्वर्ग, और पांडवों को अपनी अच्छाई के बाद भी इस एक गलती के कारण झेलना पड़ा था स्वर्ग!

कर्ण के पुत्रों की कहानी महाभारत के युद्ध में एक और महत्वपूर्ण दृष्टिकोण को प्रस्तुत करती है। कर्ण की वीरता, संघर्ष और उसके परिवार की कड़ी मेहनत के बाद, उनका वंश युद्ध में कई कठिनाइयों के बावजूद जीवित रहा और उसकी मान्यता और सम्मान स्थापित हुआ। वृशकेतु का इन्द्रप्रस्थ का राजपाठ प्राप्त करना यह दर्शाता है कि कर्ण के परिवार के सदस्य भी योग्य थे और उनके कार्यों के कारण उनका सम्मान किया गया।

कर्ण की मृत्यु के बाद, पांडवों का यह कदम उनके अपने परिवार के प्रति एक सम्मानजनक और उचित प्रयास था, जो उस समय के समाज की मान्यताओं और रिश्तों को मजबूत करता है।

चल रही है शनि की महादशा? इस तरीके से शनि महाराज से मांगें माफी, कट जाएंगे सारे कष्ट…दिखेगा शनि का अलग रूप

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

शराब पीकर स्टंट करने वाले सावधान! दिल्ली पुलिस ने बनाया ये प्लान, जान लीजिए
शराब पीकर स्टंट करने वाले सावधान! दिल्ली पुलिस ने बनाया ये प्लान, जान लीजिए
पूर्व PM मनमोहन सिंह का निधन, CM भजनलाल, अशोक गहलोत सहित इन नेताओं ने जताया शोक
पूर्व PM मनमोहन सिंह का निधन, CM भजनलाल, अशोक गहलोत सहित इन नेताओं ने जताया शोक
पूर्व PM मनमोहन सिंह के निधन पर CM नीतीश ने जताया शोक, जानें किसने क्या कहा
पूर्व PM मनमोहन सिंह के निधन पर CM नीतीश ने जताया शोक, जानें किसने क्या कहा
पूर्व PM मनमोहन सिंह के निधन पर CM योगी आदित्यनाथ ने दिया भावुक संदेश
पूर्व PM मनमोहन सिंह के निधन पर CM योगी आदित्यनाथ ने दिया भावुक संदेश
CM भजनलाल शर्मा का बड़ा ऐलान, जानें क्या कुछ कहा?
CM भजनलाल शर्मा का बड़ा ऐलान, जानें क्या कुछ कहा?
काम से घर लौटकर पति ने मांगा खाना, पत्नी मोबाइल में थी व्यस्त, गुस्से में खिसिया कर शख्स ने महिला को बालकनी से फेंका नीचे, फिर जो हुआ…
काम से घर लौटकर पति ने मांगा खाना, पत्नी मोबाइल में थी व्यस्त, गुस्से में खिसिया कर शख्स ने महिला को बालकनी से फेंका नीचे, फिर जो हुआ…
पुलिस विभाग की निर्माण परियोजनाओं की शासन स्तर से हो सीधी मॉनीटरिंग, बोले CM योगी
पुलिस विभाग की निर्माण परियोजनाओं की शासन स्तर से हो सीधी मॉनीटरिंग, बोले CM योगी
न्यू ईयर पर पटना की शाम होगी सुहानी, मरीन ड्राइव पर खास है इंतजाम
न्यू ईयर पर पटना की शाम होगी सुहानी, मरीन ड्राइव पर खास है इंतजाम
PKL-11 (एलिमिनेटर-2): यू मुंबा को हराकर सेमीफाइनल में पहुंचे पटना पाइरेट्स, दबंग दिल्ली से भिड़ेंगे
PKL-11 (एलिमिनेटर-2): यू मुंबा को हराकर सेमीफाइनल में पहुंचे पटना पाइरेट्स, दबंग दिल्ली से भिड़ेंगे
कैसे ऑक्सफोर्ड में पढ़ाई करने वाले शख्स ने संभाली दुनिया के सबसे बड़े डेमोक्रेसी की बागडोर , पूरी दुनिया में होती है Manmohan Singh के उदार नीतियों की सराहना
कैसे ऑक्सफोर्ड में पढ़ाई करने वाले शख्स ने संभाली दुनिया के सबसे बड़े डेमोक्रेसी की बागडोर , पूरी दुनिया में होती है Manmohan Singh के उदार नीतियों की सराहना
ISL 2024-25: मोहन बागान ने रोड्रिगेज के डबल से पंजाब एफसी को 3-1 से हराया
ISL 2024-25: मोहन बागान ने रोड्रिगेज के डबल से पंजाब एफसी को 3-1 से हराया
ADVERTISEMENT