Basant Panchami 2023 Puja Samagri: हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी (Basant Panchami) का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन विद्या, ज्ञान, कला की देवी मां सरस्वती की विधिवत पूजा करने का विधान है। बता दें कि इस साल बसंत पंचमी 26 जनवरी, गुरुवार को मनाई जा रही है। इस बार की बसंत पंचमी काफी खास है क्योंकि इस साल एक नहीं बल्कि चार-चार शुभ योग बन रहें हैं। इस दिन मां सरस्वती की विधिवत पूजा करने का विधान है। तो यहां जानिए मां सरस्वती की पूजा करते समय किन चीजों को जरूर शामिल करें।
बसंत पंचमी 2023 शुभ योग
- शिव योग- 25 जनवरी को शाम 06 बजकर 15 मिनट से लेकर 26 जनवरी को दोपहर 03 बजकर 29 मिनट तक
- सिद्ध योग- 26 जनवरी को दोपहर 03 बजकर 29 मिनट से लेकर 27 जनवरी को दोपहर 01 बजकर 22 मिनट तक
- सर्वार्थ सिद्धि योग- शाम 06 बजकर 57 मिनट से लेकर 27 जनवरी को सुबह 07 बजकर 12 मिनट तक
- रवि योग- शाम 06 बजकर 57 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 12 तक
बसंत पंचमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, माघ शुक्ल पंचमी 25 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से लेकर 26 जनवरी को सुबह सुबह 10 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। सरस्वती की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त 26 जनवरी को सुबह 07 बजकर 12 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक।
मां सरस्वती की पूजन सामग्री
- मां सरस्वती की तस्वीर या मूर्ति
- पीले रंग के वस्त्र पहनाने के लिए
- एक लकड़ी की चौकी
- चौकी में बिछाने के लिए पीले रंग का कपड़ा
- पीले रंग के फूल और माला
- सफेद चंदन, रोली, सिंदूर
- आम का पत्ता
- एक लोटा जल के लिए
- एक पान, सुपारी, छोटी इलायची, लौंग
- तुलसी दल
- हल्दी
- बेसन के लड्डू, बूंदी, मोतीचूर के लड्डू, मालपुआ, केसर की खीर, केसर का हलवा
- कलावा या मौली
- घी का दीपक
- अगरबत्ती
- बसंत पंचमी हवन के लिए सामग्री
- एक हवन कुंड
- आम की सूखी लकड़ियां
- चंदन, बेल, नीम, मुलेठी, पीपल की लकड़ियां
- गूलर की छाल, पलाश, अश्वगंधा और ब्राह्मी आदि
- यज्ञ सामग्री
- चावल, काला तिल, शक्कर, घी, जौ
- एक सूखा नारियल या गरी का गोला
- लाल कपड़ा नारियल लपेटने के लिए
- रक्षा सूत्र
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