Diwali 2022 Signification of Kajal: इस साल दिवाली 24 अक्टूबर को मनाई जा रही है। देश भर में दिवाली की तैयारियां काफी जोर-शोर से चल रही है। बता दें कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश के साथ माता सरस्वती की पूजा की जाती है। इसके साथ दिवाली की रात को दीपक से काजल बनाकर लगाया जाता है। माना जाता है कि ये परंपरा सदियों से ऐसे ही चली आ रही हैं। जानिए दिवाली की रात काजल लगाने की वजह और किस तरह बनाएं काजल।
आपका बता दें कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, काला काजल या टीका बुरी शक्तियों से बचाता है। इसी कारण दिवाली की रात लक्ष्मी-गणेश पूजन करने के बाद काजल बनाकर इसे लगाया जाता है। ये काजल आंखों में ही नहीं बल्कि तिजोरी, चूल्हा, दरवाजों आदि में लगाया जाता है।
दिवाली के दिन काजल लगाने के वैज्ञानिक कारण की बात करें तो माना जाता है कि दिवाली के दिन पटाखों की वजह से अधिक प्रदूषण हो जाता है। ऐसे में सबसे ज्यादा असर आंखों पर पड़ता है। ऐसे में काजल लगाना लाभकारी माना गया है। इसलिए केमिकल फ्री काजल लगाना शुभ होता है।
घर में काजल बनाने के लिए सरसों का तेल, लंबी रूई की बत्ती, दो बड़े दीपक ले लें। सबसे पहले एक दीपक में बाती और सरसों का तेल डालकर जला दें। इसके बाद दूसरा दीपक या प्लेट इस तरह रखें कि जल रही लौ के ऊपर हो। इसके बाद इसे ऐसे ही जलने दें। करीब आधा से एक घंटे बाद ऊपर वाली प्लेट को सावधानी से उठा लें।
आप देखेंगे कि इसे कालिख नजर आएगी। इसे आप किसी डिब्बी में रूई या कपड़े की मदद से निकाल लें। इसके साथ ही इसमें थोड़ा सा शुद्ध घी डाल दें। आपका काजल तैयार है। इस काजल को घर के हर एक सदस्य को आंखों में लगाना चाहिए। इसके साथ ही तिजोरी, मुख्य द्वार आदि में भी काला टीका लगा दें।
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