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ये अमर योद्धा 16 बार देख चुका है महाभारत, 11 बार रामायण… श्राप ने दिया अनोखा शरीर

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : August 15, 2024, 3:17 pm IST
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ये अमर योद्धा 16 बार देख चुका है महाभारत, 11 बार रामायण… श्राप ने दिया अनोखा शरीर

India News (इंडिया न्यूज), Kak Bhusundi Learned Ramayana & Mahabharat: रामचरितमानस के उत्तरकाण्ड में काकभुशुण्डि का वर्णन किया गया है, जिन्हें परमज्ञानी और महान रामभक्त के रूप में प्रस्तुत किया गया है। काकभुशुण्डि की कथा एक विशेष श्राप और उसके बाद के पुनरुत्थान की कहानी है।

कहा जाता है कि काकभुशुण्डि को एक समय लोमश ऋषि ने गुस्से में आकर कौआ बनने का श्राप दिया था। श्राप देने के बाद ऋषि को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने उस कौए को पुनः बुलाकर उसे राममंत्र प्रदान किया। राममंत्र मिलने के बाद, काकभुशुण्डि को कौआ के शरीर से भी गहरा प्रेम हो गया। इस प्रेम और राममंत्र के प्रभाव से, वह काकभुशुण्डि के नाम से प्रसिद्ध हुए।

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काकभुशुण्डि: एक चिरंजीवी और अमर प्राणी

काकभुशुण्डि को हिंदू धर्म में एक चिरंजीवी और अमर प्राणी माना जाता है। कहा जाता है कि वह हर त्रेतायुग में एक बार अयोध्या जाकर भगवान राम की भक्ति में लीन होते हैं। उनकी अमरता और भक्ति का प्रतीक बनने के कारण, उन्हें चुनिंदा चिरंजीवियों में शामिल किया जाता है।

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11 बार रामायण और 16 बार महाभारत 

इतना ही नहीं, काकभुशुण्डि ने रामायण और महाभारत के विभिन्न परिणामों को भी देखा है। उनके बारे में यह भी कहा जाता है कि उन्होंने रामायण को 11 बार और महाभारत को 16 बार देखा है। उनकी यह विशेषता दर्शाती है कि वे समय के साथ-साथ धर्म और आस्था के गहरे रहस्यों को समझने में सक्षम थे।

काकभुशुण्डि की यह कहानी न केवल एक अमर भक्त की प्रेरणादायक कथा है, बल्कि यह दर्शाती है कि ईश्वर की भक्ति और सच्ची आस्था से किसी भी दैवीय श्राप को भी सकारात्मक दिशा में बदलने की शक्ति होती है।

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Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है। 

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