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तीनों दिनों पर बहता है माता का खून, भक्तों को प्रसाद में दी जाती है ये चीज – IndiaNews

Simran Singh • LAST UPDATED : June 30, 2024, 6:28 am IST

India News (इंडिया न्यूज़), Kamakhya Deviभारत ऐसा देश है जहां पर महिलाओं की समस्याओं के बारे में आज भी खुलकर बात नहीं की जाती। ऐसे में मासिक धर्म यानी कि पीरियड्स के बारे में बात करना काफी बड़ी चीज मानी जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत जैसे देश में एक ऐसा मंदिर मौजूद है। जहां पर देवी तीन दिनों तक खून बहती है लेकिन उसे चीज की पूजा आराधना की जाती है और उसे पवित्र माना जाता है।

  • साल के तीन दिन बहता है माता का खून
  • प्रसाद में ये चीज करते है ग्रहण

3 दिन तक रहता है मंदिर में खून

हम बात कर रहे हैं कामाख्या देवी मंदिर की जो 51 शक्तिपीठों में से एक है। यह चमत्कारी मंदिर असम की राजधानी दिसपुर से 6 किलोमीटर दूर नीलांचल पर्वत पर स्थित हैं। कहानी के अनुसार बताया जाता है कि यहां पर माता सती का गर्भ और योनि गिरे थे। इस कारण से इस मंदिर में साल के तीन दिन माता का खून बहता है। ऐसे में माना जाता है कि इन तीन दिनों में मंदिर की शक्तियां कई हद तक बढ़ जाती है।

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इन दिनों में होते हैं माता को पीरियड्स Kamakhya Devi

बता दे की हर साल जून महीने में तीन दिनों के लिए माता अपने मासिक चक्र से गुजरती है और इस दौरान यहां मौजूद ब्रह्मपुत्र नदी का पानी लाल हो जाता है। इन तीन दिनों में मंदिर के दरवाजों को नहीं खोला जाता लेकिन नदी में बहने वाले लाल पानी को भक्तजनों में प्रसाद के रूप में बांटा जरूर जाता है। K amakhya Devi

सफेद कपड़ा हो जाता है लाल

माता के मासिक चक्र के दौरान यहां के पुजारी मंदिर में सफेद रंग के कपड़े को रख देते हैं और जब मंदिर को तीन दिन बाद खोला जाता है। तो यह कपड़ा पूरी तरीके से लाल हो जाता है। इस कपड़े को फिर पुजारी द्वारा अम्बुवाची वस्त्र कहा जाता है और यह वस्त्र भी भक्तजनों के बीच प्रसाद के रूप में बांटा जाता है

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पुजारी पर उठाते हैं सवाल Kamakhya Devi

इस तरह के चमत्कार को देखकर हमेशा यहां पर लाखों करोड़ों की संख्या में भक्तजन इकट्ठे होते हैं। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि मंदिर के पुजारी खुद नदी में लाल रंग का सिंदूर को मिला देते हैं लेकिन लोग इसे माता की मानसिक चक्र के दौरान का जल समझ कर भी ग्रहण करते हैं।

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