India News (इंडिया न्यूज़), Kamika Ekadashi 2023: गुरुवार ( 12 जुलाई) को कामिका एकादशी है। कामिका एकादशी चातुर्मास में श्रावण कृष्‍ण पक्ष की एकादशी के दिन को कहा जाता है। बता दे चातुर्मास में भगवान विष्‍णु 4 महीने के लिए योग निद्रा में चले जाएगे। ऐसे में कामिका एकादशी पर पूजा करके भगवान विष्‍णु की कृपा पायी जा सकती है। कहा जाता है कि भक्‍त कामिका एकादशी पर व्रत कर बुरे कर्मों से मुक्ति और मोक्ष को प्राप्त करते हैं। चलिए जानते हैं कामिका एकादशी व्रत का मुहूर्त, महत्‍व और पूजा की विधि।

इस दिन है कामिका एकादशी

कामिका एकादशी 12 जुलाई को शाम 5 बजकर 59 मिनट आरंभ होगी और 13 जुलाई को शाम 6 बजकर 24 मिनट पर कामिका एकादशी का समापन होगा। बता दे कामिका एकादशी व्रत का पारण 14 जुलाई को सुबह 5 बजकर 33 से 8 बजकर 18 मिनट है।

इस दिन होगा व्रत

शास्‍त्रों में कामिका एकादशी का बहुत महत्व है। यह सावन के महीने में पड़ने की वजह से शिव भक्‍तों के लिए भी खास हो जाती है। इस व्रत को करने से पापों से मुक्ति मिल जाती है। मान्यता है कि कामिका एकादशी का व्रत करने पर अश्‍वमेध यज्ञ के समान ही फल की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि कामिका एकादशी पर भगवान विष्‍णु को तुलसी के पत्‍ते अर्पित करने से व्‍यक्ति पितृ दोष से मुक्‍त होता है।

ऐसे करें कामिका एकादशी की व्रत पूजा

कामिका एकादशी के दिन व्रती सुबह जल्‍दी उठकर स्‍नान कर। उसके बाद पूजाघर के साथ ही पूरे घर में गंगाजल का छिड़क लें। एक लकड़ी की चौकी पर पीला कपड़ा बिछा लें और भगवान विष्‍णु की मूर्ति या फिर तस्‍वीर स्‍थापित कर लें। मूर्ति पंचामृत, फल, मेवा और मिठाई को अर्पित करें। फिर ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप कर। पूरे विधि विधान से पूजा करें और भगवान विष्‍णु की पूजा में तुलसी दल को शामिल करना ना भूलें।

कामिका एकादशी का बीज मंत्र

ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:
श्री कृष्‍ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा
ऊं नमो नारायणाय नम:
श्रीमन नारायण नारायण हरि-हरि

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