कांटे वाले बाबा साधना की अनोखी शैली
रमेश कुमार मांझी, जो ‘कांटे वाले बाबा’ के नाम से प्रसिद्ध हैं, महाकुंभ में अपनी साधना के अनोखे तरीके के कारण आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। वह कांटों के सेज पर लेटकर साधना करते हैं, और उनका दावा है कि इन कांटों से उन्हें कोई नुकसान नहीं होता। वह पिछले 50 वर्षों से यह साधना करते आ रहे हैं, और उनके अनुसार, यह सब भगवान की महिमा और उनके गुरु के आशीर्वाद का परिणाम है। वह कहते हैं, “मैं गुरु की सेवा करता हूं, गुरु ने हमें ज्ञान दिया और आशीर्वाद दिया, जो मुझे यह साधना करने की शक्ति प्रदान करता है।”
#WATCH | Prayagraj, UP | Ramesh Kumar Manjhi alias Kaante Wale Baba lays down on thorns at #MahaKumbh2025 in Prayagraj. pic.twitter.com/4emU9LwZv9
— ANI (@ANI) January 15, 2025
कांटे पर लेटने से उन्हें कोई शारीरिक तकलीफ नहीं होती, बल्कि उनका कहना है कि इससे उनके शरीर को लाभ होता है। वह बताते हैं कि यह साधना उनके आत्मबल और मानसिक शांति को बढ़ाती है। इसके अलावा, वह अपने द्वारा प्राप्त दक्षिणा का आधा हिस्सा जन्माष्टमी के मौके पर दान कर देते हैं और बाकी से अपना खर्चा चलाते हैं।
महाकुंभ में श्रद्धालुओं का अद्भुत जमावड़ा
महाकुंभ मेला में इस साल का आकर्षण विभिन्न देशों के प्रतिनिधिमंडल का आगमन भी रहा। बुधवार शाम को 10 देशों के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रयागराज में कदम रखा। इस प्रतिनिधिमंडल में फिजी, फिनलैंड, गुयाना, मलेशिया, मॉरीशस, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, त्रिनिदाद और टोबैगो और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के प्रतिनिधि शामिल थे। ये प्रतिनिधि संगम तट पर पवित्र स्नान करेंगे और प्रयागराज की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को जानने के लिए हेरिटेज वॉक में भी भाग लेंगे।
13 जनवरी से शुरू हुआ यह महाकुंभ मेला 26 फरवरी तक जारी रहेगा, और इस दौरान लाखों श्रद्धालु पुण्य लाभ के लिए यहां पहुंचेंगे। यह अवसर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने का भी महत्वपूर्ण माध्यम है।