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Kanwar Yatra 2023: 'कांवड़ यात्रा' से मिलता है ये महाफल, जानिए यात्रा के दौरान क्या करें और क्या ना करें

BY: Priyanshi Singh • LAST UPDATED : July 5, 2023, 11:46 am IST
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Kanwar Yatra 2023: 'कांवड़ यात्रा' से मिलता है ये महाफल, जानिए यात्रा के दौरान क्या करें और क्या ना करें

Kanwar Yatra 2023

India News (इंडिया न्यूज़),Kanwar Yatra 2023: महादेव के प्रिय मास सावन की शुरुआत हो चुकी है और पवित्र ‘कांवड़ यात्रा’ भी प्रारंभ हुई है। ऐस में आपको केसरिया वस्त्र पहने कंधों पर कांवड़ उठाए सड़कों ‘बम-बम भोले’ के जयकारे लगाते महादेव के भक्त दिखाई देंगे। आपको बता दें कि शिव भक्त कांवड़ में हरिद्वार-ऋषिकेश से गंगाजल लाने को निकलते हैं और वहां से जल लाकर शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और अपने भक्त की हर इच्छा को पूरी करते हैं।

कावण यात्रा  काफी कठिन होती है, एक तो ये पैदल होती है और दूसरी आप रास्ते में कहीं भी कांवड़ को जमीन पर भी नहीं रख सकते हैं। बता दें भक्त जो कांवड़ लेकर जाते हैं वो बांस से बनी हुई होती है, जिसके दोनों सिरों पर घड़े बंधे होते हैं, जिसमें वो गंगाजल भरते और उससे शिवलिंग का अभिषेक करते हैं।

कांवड़ यात्रा के प्रकार

सामान्य कांवड़ यात्रा: इस यात्रा में कांवड़िए कहीं भी रूक सकते हैं, विश्राम कर सकते हैं और सुविधानुसार कांवड़ को टांग भी सकते हैं।

डाक कांवड़ यात्रा: ये यात्रा काफी कठिन होती है, इसमें भक्तगण लगातार कांवड़ लेकर चलते रहते हैं और तब तक नहीं रूकते जब तक वो शिवलिंग का अभिषेक गंगाजल से नहीं कर लेते हैं।

खड़ी कांवड़: इस यात्रा में यात्री के साथ उसका सहायक भी होता है, जो कि यात्री के थकने पर स्वयं कांवड़ उठाता है।

दांडी कांवड़:इस यात्रा में यात्री शिवमंदिर दंडवत करते हुए पहुंचते हैं।

 नियम

  • बिना नहाए कोई भी कांवड़िया अपने कांवड़ को छू नहीं सकता है।
  • यात्रा के दौरान मदिरापान, मांसहारी और तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।
  • यात्रा के दौरान हर किसी का तन-मन स्वच्छ और शिवभक्ति में लीन होना चाहिए।
  • कांवड़ को जमीन पर रखना वर्जित है। कांवड़ को चमड़े से दूर रखना चाहिए। कांवड़ यात्रा एक पदयात्रा है, इस दौरान वाहन का प्रयोग नहीं कर सकते हैं।
  • कांवड़ को बनाए गए शिविरों में ही टांगना चाहिए, किसी पेड़ पर नहीं

कावड़ यात्रा से मिलता है यह फल
ये माना जाता  है कि जो व्यक्ति कावड़ लेकर आता है उसे अश्वमेघ यज्ञ के समान फल मिलता है। साथ ही सभी पापों का अंत भी हो जाता है। इसके अलावा कहा जाता है कि व्यक्ति जीवन मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है। मृत्यु के बाद उसे शिवलोक की प्राप्ति होती है।

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Sawan Maas 2023

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