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मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्
Kanya Poojan Ka Time or Vidhi इस बार शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि का पूजन 14 अक्टूबर 2021 दिन गुरुवार को किया जाएगा और इसी के साथ नवरात्रि का समापन हो जाएगा। कन्या पूजन से एक दिन पहले ही कन्याओं को अपने घर आमंत्रित कर देना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार दो वर्ष लेकर 10 वर्ष तक की कन्या को कंजक पूजन के लिए आमंत्रित करना चाहिए।
यदि आप दुर्गाष्टमी के दिन करते हैं तो कन्या पूजन 13 अक्टूबर को होगा और यदि महानवमी के दिन करते हैं तो कन्या पूजन 14 अक्टूबर को होगा।
इस बार अष्टमी तिथि 13 अक्टूबर 2021 दिन बुधवार को पड़ रही है। इस दिन महगौरी माता का पूजन किया जाएगा।
अष्टमी तिथि आरंभ- 12 अक्टूबर 2021 को रात 09 बजकर 47 मिनट से
अष्टमी तिथि समाप्त- 13 अक्टूबर 2021 को रात 08 बजकर 07 मिनट पर
दुर्गाष्टमी को कन्या पूजन करके व्रतादि का उद्यापन करना शुभ रहेगा। अष्टमी पर 9 वर्ष की कन्या 9 कन्याओं तथा एक बालक को अपने निवास पर आमंत्रित करें। उनके चरण धोएं। मस्तक पर लाल टीका लगाएं, कलाई पर मौली बांधें। लाल पुष्पों की माला पहनाएं। उनका पूजन करके उन्हें हलवा, पूरी, काले चने का प्रसाद दें या घर पर ही इसे खिलाएं। चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लें।
उन्हें लाल चुनरी या लाल परिधान तथा उचित दक्षिणा एवं उपयोगी उपहार सहित विदा करें। आज कन्या रक्षा का भी संकल्प लें। देवी का अष्टम स्वरुप महागौरी का है। इसे श्री दुर्गाष्टमी भी कहा जाता है। भगवती का सुंदर, सौम्य, मोहक स्वरुप महागौरी में विद्यमान है। वे सिंह की पीठ पर सवार हैं। मस्तक पर चंद्र का मुकट सुशोभित है। चार भुजाओं में शंख, चक्र, धनुष और बाण हैं। सबसे महत्वपूर्ण है कि माता का यह स्वरुप सौन्दर्य से संबंधित है। इनकी आराधना से सौन्दर्य प्रदान होता है।
जो युवक युवतियां सौन्दर्य के क्षेत्र में जाने के इच्छुक हैं, वे आज महागौरी की आराधना करें। फिल्म, ग्लैमर व रंगमंच की दुनिया की इच्छा रखने वाले या सौन्दर्य प्रतियोगिताओं में भाग लेने जा रहे, युवा वर्ग आज व्रत के साथ साथ निम्न मंत्र का जाप भी अवश्य करें। जिनके वैवाहिक संबंध सुंदर न होने के कारण नहीं हो रहे या टूट रहे हों वे आज अवश्य उपासना करें।
चौकी पर श्वेत रेशमी वस्त्र बिछा कर माता की प्रतिमा या चित्र रखें। घी का दीपक जला कर चित्र पर नैवेद्य अर्पित करें। दूध निर्मित प्रसाद चढ़ाएं।
मंत्र- ओम् ऐं हृीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै! ओम् महागौरी देव्यै नम:!!
की एक या 11 माला करें। अपनी मनोकामना अभिव्यक्त करें। आज अष्टमी पर मनोकामना अवश्य पूर्ण होगी।
शास्त्रों में कहा गया है कि नौ देवियों के रूप में अष्टमी या नवमी के दिन व्रत का परायण करने से पहले नौ कन्याओं का पूजन करना चाहिए। ये नौ कन्याएं नौ देवियों का ही रूप हैं। हर कन्या एक देवी का रूप है जिसका पूजन करते हुए उपासक परोक्ष रूप से उस देवी का ही पूजन करता है।
इसमें दो साल की बच्ची कुमारी, तीन साल की त्रिमूर्ति, चार साल की कल्याणी, पांच साल की रोहिणी, छ: साल की कालिका, सात साल की चंडिका, आठ साल की शाम्भवी, नौ साल की दुर्गा और दस साल की कन्या सुभद्रा का स्वरूप होती हैं।
जरूरी नहीं कि नौ ही कन्याएं पूजन के लिए आएं अगर ज्यादा कन्याएं आ गई हैं तो उनका भी विधिवत पूजन करें और प्रसाद वितरित करें। अगर कन्याओं की संख्या ज्यादा न हो पाए तो भी चिंता न करें, केवल दो कन्याओं को पूजने से भी व्रत का परायण संपन्न हो सकता है। बस इस बात का ध्यान रखें कि कन्याओं की उम्र 9 साल से ज्यादा न हो।
(Kanya Poojan Ka Time or Vidhi)
वैसे भी शास्त्रों के अनुसार एक कन्या की पूजा से ऐश्वर्य की प्राप्त होती है। दो कन्याओं की पूजा से भोग और मोक्ष साथ साथ मिलते हैं। तीन कन्याओं के पूजन से धर्म के साथ साथ अर्थ व काम की भी प्राप्ति होती है। चार कन्याओं की पूजा से राजयोग मिलता है और पांच कन्याओं के पूजन से विद्या धन की प्राप्ति होती है।
छह कन्याओं का पूजन छह तरह की सिद्धि दिाता है और सात कन्याओं का पूजन राज्य में राज का सुख मिलता है। आठ कन्याओं के पूजन से संपूर्ण संपदा और नौ कन्याओं के पूजन से धरती के प्रभुत्व की प्राप्ति होती है।
वैसे समय अब काफी मॉडर्न हो गया हैं इसलिए आप प्रसाद के साथ उन्हें मनपसंद चीजें उपहार में भी दे सकते हैं क्योंकि गिफ्ट पाकर हर बच्चा खुश होता है। बाजार में आपको ऐसी बहुत सारी चीजें मिल जाएंगी जिन्हें आप कंजक पूजन में बच्चों को दे सकते हैं।
ध्यान रहें ऐसी कोई भी गिफ्ट उन्हें ना दें जो उनके काम ना आए। ये उपहार उनकी उम्र के हिसाब से हो तो अच्छा है। कंजक पूजन में दिए जाने वाले गिफ्ट को लेकर बाजारों में खूब धूम मची हुई हैं। बस अपनी पसंद की चीजें लाएं और बच्चों को खुश करें।
लड़कियों को एक्सैसरीज बहुत पसंद आती है। आप उनके लिए नेकलेस, कलरफुल बैंग्ल्स ब्रैस्लेट हेयरबैंड क्लिप्स हेयरपिन।
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