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Karwa Chauth 2021 How to Celebrate or start first karwa chauth

Karva Chauth 2021 How to Celebrate or start first karwa chauth

Karva Chauth 2021 :  हर त्योहार के पीछे कोई कहानी है या फिर उसका कोई ज्योतिषी महत्व है। भारत में भी अगस्त से लेकर नवंबर तक त्योहारों का महीना माना जाता है। दशहरा और दुर्गा पूजा के बाद शुरू होता है महिलाओं का विशेष पर्व करवा चौथ। करवा चौथ के बाद आता है दीपों का त्योहार दिवाली।

भारतीय समाज में  करवा चौथ का पर्व महिलाओं के लिए अहम है। इस वर्ष करवा चौथ व्रत 24 अक्टूबर 2021, रविवार को रखा जाएगा। जिसकी तैयारियां महिलाओं ने अभी से शुरू कर दी हैं। आइए इस पर्व से जुड़ी एक रोचक कथा और इसकी पूजन विधि पर एक नजर डालें।

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को महिलाएं सुहाग की अमरता और वैभव के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए दिन भर बिना पानी पिए (निर्जला) व्रत रखती हैं। और रात को चांद देखकर पति के हाथ से जल पीकर व्रत खोलती हैं।

सुहागिनें रंग-बिरंगे परिधान पहनती हैं, आभूषण और विविध प्रकार के 16 श्रृंगार से खुद को सजाती हैं। इस व्रत में सायंकाल के समय शुभ मुहूर्त में चांद निकलने से पहले पूरे शिव परिवार की पूजा की जाती है।  चंद्रमा उदय होने के बाद महिलाएं व्रत खोलती हैं।

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Karva Chauth 2021 पूजन सामग्री

करवा चौथ में महिलाओं को मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, पानी का लोटा, गंगाजल, दीपक, रूई, अगरबत्ती, चंदन, कुमकुम, रोली, अक्षत, फूल, कच्चा दूध, दही, देसी घी, शहद, चीनी, हल्दी, चावल, मिठाई, चीनी का बूरा, मेहंदी, महावर, सिंदूर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, छलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ और दक्षिणा के पैसे की आवश्यकता होती है।

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क्या होता है करवा? (Karva Chauth 2021)

(1) करवा मिट्टी का एक बर्तन होता है। काली मिट्टी में शक्कर की चासनी मिलाकर उस मिट्टी से तैयार किए गए मिट्टी की वस्तु को करवा कहते हैं। कुछ लोग तांबे के बने करवे लाते हैं। इस तरह दो करवे बनाए जाते हैं। करवा में रक्षासूत्र बांधकर, हल्दी और आटे के सम्मिश्रण से एक स्वास्तिक बनाते हैं।

एक करवे में जल तथा दूसरे करवे में दूध भरते हैं और इसमें ताम्बे या चांदी का सिक्का डालते हैं। जब बहू व्रत शुरू करती है, तो सास उसे करवा देती है, उसी तरह बहू भी सास को करवा देती है। पूजा करते समय और कथा सुनते समय दो करवे रखने होते हैं- एक वो जिससे महिलाएं अर्घ्य देती हैं यानी जिसे उनकी सास ने दिया होता है और दूसरा वो जिसमें पानी भरकर बायना देते समय उनकी सास को देती हैं।

सास उस पानी को किसी पौधे में डाल देती हैं और अपने पानी वाले लोटे से चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं। मिट्टी का करवा महिलाएं इसलिए लेती हैं, क्योंकि उसे डिस्पोज किया जा सकता है। मिट्टी का करवा न हो तो कुछ महिलाएं स्टील के लोटे का भी प्रयोग कर लेती हैं।

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Karva Chauth 2021 ये होती है सरगी?

यह रस्म अक्सर पंजाब प्रांत में मनाई जाती है। कोई भी महिला जब करवा चौथ का व्रत रखती है तो उसकी सास उसे सरगी बनाकर देती है। सरगी एक भोजन की थाली है जिसमें खाने की कुछ चीजें होती हैं। जिसके बाद दिनभर निर्जला रहा जाता है और फिर रात में चांद की पूजा करने के बाद ही खाया जाता है।

चूंकि सरगी को खाकर व्रत की शुरूआत की जाती है इसलिए सरगी की थाली में ऐसी चीजें होती है जिसे खाने से भूख और प्यास कम लगती है और दिनभर एनर्जी बनी रहती। इसमें अक्सर सूखे मेवे और फल होते हैं। सास द्वारा दी हुई सरगी से बहू अपने व्रत की शुरूआत करती है।

अगर सास साथ में नहीं हैं, तो वो बहू को पैसे भिजवा सकती हैं, ताकि वो अपने लिए सारा सामान खरीद सके। इस सरगी में कपड़े, सुहाग की चीजें, फेनिया, फ्रूट, ड्राईफ्रूट, नारियल आदि रखे होते हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश और बिहार में इस त्यौहार को मनाने का तरीका अलग है।

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Karva Chauth 2021 पूजन के शुभ मुहूर्त

इस बार करवा चौथ 24 अक्टूबर, दिन रविवार को सुबह 03.01 मिनट से चतुर्थी तिथि प्रारंभ होकर सोमवार, 25 अक्टूबर 2021 को सुबह 05.43 मिनट पर चतुर्थी तिथि समाप्त होगी। इस दिन करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर को शाम 5.43 मिनट से 6.59 मिनट तक रहेगा।

ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार रोहिणी नक्षत्र को बेहद शुभ माना जाता है और इस वर्ष चांद रोहिणी नक्षत्र में निकलेगा। करवा चौथ व्रत पारण और चंद्रोदय टाइम- अलग-अलग शहरों में चांद निकलने के समय में बदलाव हो सकता है। इस दिन 08.07 मिनट पर चांद के दर्शन हो सकते हैं। उसके बाद करवा चौथ व्रत का पारण किया जाएगा।

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India News Editor

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