संबंधित खबरें
क्यों दुर्योधन की जांघ तोड़कर ही भीम ने उतारा था उसे मौत के घाट, पैर में छिपा था ऐसा कौन-सा जीवन का राज?
जो लोग छिपा लेते हैं दूसरों से ये 7 राज…माँ लक्ष्मी का रहता है उस घर में सदैव वास, खुशियों से भरी रहती है झोली
इन 4 राशियों की लड़कियों का प्यार पाना होता है जंग जीतने जैसा, स्वर्ग सा बना देती हैं जीवन
देवो के देव महादेव के माता-पिता है कौन? शिव परिवार में क्यों नहीं दिया जाता पूजा स्थान
नए साल पर गलती से भी न करें ये काम, अगर कर दिया ऐसा तो मां लक्ष्मी देंगी ऐसी सजा जो सोच भी नहीं पाएंगे आप
दान में जो दे दिए इतने मुट्ठी चावल तो दुनिया की कोई ताकत नहीं जो रोक दे आपके अच्छे दिन, जानें सही तरीका और नियम?
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :- Khajrana Ganesh Temple
Ganesh chaturthi special 2021 : इंदौर के खजराना गणेश की मूर्ति स्वयंभू है। मान्यता है कि यहां भक्त कैसी भी अर्जी लगाए उसकी सारी इच्छाएं पूरी हो जाती है।
इंदौर शहर और आसपास के अन्य शहरों के नागरिकों को खजराना मंदिर में बहुत विश्वास है। यह मंदिर बहादुर मराठा रानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा बनाया गया था। यह हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण स्थान है।
खजराना गणेश मंदिर का निर्माण रानी अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था। यह मंदिर भारत के प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। ज्यादातर बुधवार एवं रविवार को विशाल संख्या मे लोग दर्शन करने के लिए इस मंदिर में आते हैं। एक स्थानीय मान्यता के अनुसार, इस मंदिर में पूजा करने पर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस मंदिर का मुख्य त्योहार विनायक चतुर्थी है और इसे अगस्त और सितंबर के महीने में भव्य तरीके से आयोजित किया जाता है।
प्रथम आराध्य भगवान गणेश के देशभर में वैसे तो कई प्रसिद्ध मंदिर हैं। लेकिन मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में स्थित खजराना गणेश मंदिर का भक्तों के बीच अलग स्थान है। खजराना गणेश की मूर्ति स्वयंभू है। इस मंदिर में दुनियाभर से भक्त आकर विघ्नहर्ता के सामने अपनी मन्नतों की अर्जी लगाते हैं। भगवान गणेश भी अपने दरबार में आने वाले सभी भक्तों की हर इच्छा की पूर्ति करते हैं। खजराना गणेश की ख्याति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि फिल्मी कलाकारों और खिलाड़ियों से लेकर बड़े नेताओं तक सभी खजराना गणेश के दर्शन कर बप्पा का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं। मान्यता है कि यहां पर मनोकामना लेकर आने वाला कोई भी भक्त कभी निराश होकर नहीं लौटता है।
खजराना गणेश मंदिर का निर्माण साल 1735 में होलकर वंश की महारानी अहिल्याबाई होलकर द्वारा कराया गया था। मंदिर में स्थित प्राचीन सिद्धि विनायक प्रतिमा के बारे में कहा जाता है कि सबसे पहले यह प्रतिमा स्थानीय पुजारी मंगल भट्ट को सपने में दिखी थी। उन्होंने इसकी जानकारी होलकर दरबार में दी। जिस पर माता अहिल्या ने पुजारी की बताई जगह पर खुदाई करवाई तो वहां सिद्धिविनायक के रुप में गणेश प्रतिमा का उदय हुआ।
जब इस प्रतिमा को स्थापित करने के लिए उठाने की कोशिश की गई तो यह अपने स्थान से नहीं हिली। इसके बाद एक बार फिर पुजारी मंगल भट्ट को बुलवाया गया। उन्होंने जब प्रतिमा को हाथ लगाकर उठाया तो वह आसानी से उठ गई और उसके बाद मूर्ति की स्थापना हुई। इसकी जानकारी लगने पर माता अहिल्या ने खजराना गणेश मंदिर की जिम्मेदारी पूरी तरह से भट्ट परिवार को सौंप दी।
Vinayaka Chaturthi 2021 Messages for Students
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.