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Khatu Shyam Mandir Secrets: भक्तों की मनोकामना लेकर चढ़ाया गया नारियल आखिर जाता कहां है? पूरी परंपरा जानिए

Khatu Shyam Mandir: खाटू श्यामजी आने वाले भक्त लाल कपड़े में लपेटकर नारियल मंदिर परिसर में बांधते हैं. वे इन नारियलों पर बाबा श्याम को चिट्ठियां लिखते हैं. आइए जानते है,इन नारियलों का क्या किया जाता है.

Written By: Shivashakti narayan singh
Last Updated: December 16, 2025 13:12:06 IST

Khatu Shyam Mandir: कहा जाता है कि जब भक्त अपने प्यारे बाबा श्याम के मंदिर में आते हैं, तो वे अक्सर बोल नहीं पाते या अपना दर्द और दुख जाहिर नहीं कर पाते. बाबा के भक्त अपना दर्द और इच्छाएं एक कागज की पर्ची पर लिखते हैं, उसे नारियल से बांधते हैं, और मंदिर परिसर में छोड़ देते हैं. वे प्रार्थना करते हैं, ‘हे बाबा श्याम, आप सब जानते हैं, कृपया हमारी मनोकामनाएं पूरी करें.’ 

क्या होता है इन नारियलों का?

खाटू श्यामजी में इतने नारियल आते हैं कि उन्हें रखने की जगह नहीं होती. एक साल बाद, मंदिर समिति टेंडर जारी करती है और नारियलों की नीलामी करती है. वे धार्मिक कार्यक्रमों के लिए उन्हें मुफ्त में भी बांटते हैं.

कौन हैं खाटू श्याम जी?

खाटू श्याम जी, जिनका असली नाम बर्बरीक था, महाभारत काल के एक बहादुर योद्धा थे. वह भीम के पोते और घटोत्कच के बेटे थे. बचपन से ही उन्हें युद्ध कला में गहरी रुचि थी और अपनी कड़ी तपस्या से उन्होंने भगवान शिव और अग्नि देव से तीन अचूक बाण प्राप्त किए थे. इन बाणों की शक्ति से वह किसी भी युद्ध को कुछ ही पलों में खत्म कर सकते थे. जब महाभारत का युद्ध शुरू हुआ, तो बर्बरीक ने इसमें भाग लेने का फैसला किया, और इस फैसले ने हमेशा के लिए उनके जीवन की दिशा बदल दी.

लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं

ऐसा माना जाता है कि जो भी सच्चे दिल से और कोई इच्छा लेकर खाटू श्याम जी के दरबार में आता है, उसकी हर इच्छा पूरी होती है. भक्तों का मानना है कि श्याम बाबा न केवल खुश और समृद्ध लोगों की सुनते हैं, बल्कि उन लोगों की भी सुनते हैं जो दुखी और परेशान हैं. वह हमेशा उन लोगों को नई उम्मीद और ताकत देते हैं जो हार मानने वाले होते हैं. इसलिए उन्हें ‘हारे का सहारा’ कहा जाता है.

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