India News (इंडिया न्यूज), Sun Temple: सूर्य देव हमारे जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं, यह बात किसी शास्त्र में ही नहीं बल्कि विज्ञान ने भी सिद्ध कर दी है। चूंकि, सूर्य यानि भगवान सूर्य भारत के नौ ग्रहों में से एक हैं, इसलिए शायद जीवन में उनके महत्व को समझते हुए ही सूर्य मंदिरों का निर्माण किया गया है। वहीं, देशभर में सूर्य देव के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिन्हें देखने के लिए लोग देश-विदेश से आते हैं। ओडिशा के कोणार्क सूर्य मंदिर से लेकर गुजरात के मोढेरा में स्थित सूर्य मंदिर तक, इनमें आध्यात्मिक रहस्य छिपे हैं।
भगवान सूर्य देव के प्रसिद्ध मंदिरों में कोणार्क का नाम सबसे पहले आता है। वहीं, ओडिशा में स्थित कोणार्क का सूर्य मंदिर देशभर में जाना जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना भगवान श्री कृष्ण के पुत्र साम्ब ने की थी। उसके बाद 13वीं शताब्दी में राजा नरसिंहदेव ने इस सूर्य मंदिर का निर्माण करवाया। यह मंदिर अपनी अनूठी आकृति और शिल्पकला के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। हालांकि, इस मंदिर की खासियत यह है कि सूर्योदय की पहली किरण मंदिर के मुख्य द्वार पर पड़ती है।
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बिहार के औरंगाबाद जिले में भगवान सूर्यदेव का एक अनोखा मंदिर है, जिसका द्वार पूर्व की बजाय पश्चिम की ओर है। जहां सात रथों पर सवार भगवान सूर्यदेव के तीन स्वरूपों के दर्शन होते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस सूर्य मंदिर का द्वार एक रात में अपने आप दूसरी दिशा में बदल गया था। Sun Temple
गुजरात का मोढेरा सूर्य मंदिर में वास्तुकला का खास उदाहरण है। जिसका निर्माण सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम ने 1026 ई. में किया था। आपको बता दें कि मोढेरा का सूर्य मंदिर दो भागों में बना है, जिसमें पहला भाग गर्भगृह और दूसरा सभामंडप है। वहीं मंदिर का निर्माण इस तरह से किया गया है कि सूर्योदय के उदय होने के बाद किरणें सीधे गर्भगृह पर पड़ती हैं।
देश भर के प्रसिद्ध सूर्य मंदिरों में कश्मीर स्थित मार्तंड मंदिर बहुत प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर कश्मीर के दक्षिणी भाग में अनंतनाग से पहलगाम के रास्ते में मार्तंड नामक स्थान पर स्थित है। धार्मिक मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण आठवीं शताब्दी में कर्कोटा वंश के राजा ललितादित्य ने करवाया था।
आंध्र प्रदेश के अरसावल्ली गांव से करीब 1 किलोमीटर पूर्व में भगवान सूर्य का भव्य मंदिर है, जो करीब 1300 साल पुराना है। यहां भगवान सूर्य नारायण की पूजा उनकी पत्नियों उषा और छाया के साथ की जाती है। वहीं इश मंदिर की खासियत के बारें में बताएं तो यहां साल में दो बार सूर्य की पहली किरण सीधे मूर्ति पर पड़ती है। मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि मंदिर के दर्शन मात्र से सुख और सौभाग्य की प्राप्ति हो जाती है।
बिहार के भोजपुर जिले के बेलौर गांव के पश्चिमी और दक्षिणी छोर पर स्थित बेलौर सूर्य मंदिर बहुत पुराना है। यह सूर्य मंदिर राजा द्वारा बनवाए गए 52 तालाबों में से एक के बीच में बना है। कहा जाता है कि इस स्थान पर सच्चे मन से छठ व्रत करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
राजस्थान के झालावाड़ का दूसरा जुड़वा शहर झालरापाटन को कुओं का शहर यानी घाटियों का शहर भी कहा जाता है। शहर के बीचों-बीच स्थित सूर्य मंदिर झालावाड़ का दर्शनीय स्थल है। इसका निर्माण दसवीं शताब्दी में मालवा के परमार वंश के राजाओं ने करवाया था। इस मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित है की किरणें सीधे गर्भगृह पर पड़ती हैं। Sun Temple
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