संबंधित खबरें
क्यों दुर्योधन की जांघ तोड़कर ही भीम ने उतारा था उसे मौत के घाट, पैर में छिपा था ऐसा कौन-सा जीवन का राज?
जो लोग छिपा लेते हैं दूसरों से ये 7 राज…माँ लक्ष्मी का रहता है उस घर में सदैव वास, खुशियों से भरी रहती है झोली
इन 4 राशियों की लड़कियों का प्यार पाना होता है जंग जीतने जैसा, स्वर्ग सा बना देती हैं जीवन
देवो के देव महादेव के माता-पिता है कौन? शिव परिवार में क्यों नहीं दिया जाता पूजा स्थान
नए साल पर गलती से भी न करें ये काम, अगर कर दिया ऐसा तो मां लक्ष्मी देंगी ऐसी सजा जो सोच भी नहीं पाएंगे आप
दान में जो दे दिए इतने मुट्ठी चावल तो दुनिया की कोई ताकत नहीं जो रोक दे आपके अच्छे दिन, जानें सही तरीका और नियम?
Chhath Puja 2022 Date, Time, Tithi, Significance: छठ पूजा का त्योहार देश-विदेश तक मनाया जाता है। खासकर भारत के पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में महापर्व छठ की धूम देखने को मिलती है। बता दें कि इसमें भगवान सूर्यदेव की अराधना की जाती है। साल में दो बार छठ का त्योहार मनाया जाता है। पहला चैत्र शुक्ल षष्ठी को और दूसरा कार्तिक माह की शुक्ल षष्ठी को। ये पर्व पूरे चार दिनों तक चलता है, जिसमें 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है।
आपको बता दें कि सुख-सौभाग्य, समृद्धि, संतान और सुखी जीवन की कामना के लिए छठ पूजा की जाती है। छठ पर्व की शुरुआत नहाय खाय के साथ होती है। इसके बाद खरना, अर्घ्य और पारण किया जाता है। यहां आचार्य गुरमीत सिंह जी से जानते हैं छठ पर्व की महत्वपूर्ण तिथियां और महत्व की पूरी जानकारी
पहला दिन- नहाय खाय, शुक्रवार 28 अक्टूबर 2022
दूसरा दिन- खरना, शनिवार 29 अक्टूबर 2022
तीसरा दिन- संध्याकालीन अर्घ्य, रविवार 30 अक्टूबर 2022
चौथा दिन- उषा अर्घ्य या उगले सूर्य को अर्घ्य, सोमवार 31 अक्टूब 2022
छठ पूजा में सूर्यदेव की अराधना का विशेष महत्व होता है। बता दें कि ये ऐसा पर्व होता है, जिसमें न केवल उगले सूर्य बल्कि अस्त होते सूर्य को भी अर्घ्य दिया जाता है। उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही इस पर्व का समापन होता है। छठ पूजा में पहला अर्घ्य यानी संघ्याकालीन अर्घ्य रविवार 30 अक्टूबर 2022 को दिया जाएगा।
इस दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए संध्य 05:37 मिनट तक का समय रहेगा। वहीं सोमवार 31 अक्टूबर को उदीयमान यानी उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इस दिन सूर्यदेव को सुबह 06:31 तक अर्घ्य दिया जाएगा।
बता दें कि छठ पर्व को महापर्व कहा जाता है। क्योंकि इस पर्व को आस्था और श्रद्धापूर्वक किया जाता है। यही वजह है कि आज देश से लेकर विदेशों में भी छठ पूजा मनाई जाती है। छठ पर्व में साफ-सफाई के नियमों का विशेष पालन करन होता है।
छठी माई की पूजा में घर पर मांस-मंदिरा, लहसुन-प्याज और जूठन करना वर्जित होता है। छठ व्रत करने से घर पर सुख-शांति आती है। इस व्रत से संतान और सुहाग की आयु लंबी होती है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.