बता दें कि हर साल श्याम जी के जन्मदिन के अवसर पर लक्खी मेले का आयोजन किया जाता है। अगर आप भी श्याम जी के भक्त हैं तो आप राजस्थान के सीकर में श्याम बाबा मंदिर के पास लगने वाले लक्खी मेले में जा सकते हैं।
बता दें कि यह मेला 10 दिनों तक चलता है। जो इस फाल्गुन माह में यह मेला 12 मार्च से 21 मार्च तक लगने वाला है। वहीं इस मेले के आखिरी दिन श्याम जी का जन्मदिन मनाया जाएगा।
दरअसल, जब महाभारत का युद्ध में कौरव और पांडव आपस में लड़ रहे थे। जब इस युद्ध के बारे में घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक तक पहुँची तो उसने अपनी माँ से कहा कि वह कुरूक्षेत्र के युद्ध में भाग लेने जा रहा है।
इस पर उनकी मां ने कहा कि बर्बरीक तुम्हारे पास अपार शक्तियां हैं इसलिए कभी भी अपनी शक्तियों का प्रयोग कमजोर या हारने वाली टीम पर मत करना।
महाभारत में भगवान कृष्ण को इस बात की जानकारी थी कि युद्ध में कौन हारेगा, इसीलिए श्री कृष्ण को यह भी पता था कि बर्बरीक किसका पक्ष लेने वाला है। भगवान श्री कृष्ण जानते थे कि बर्बरीक एक शक्तिशाली योद्धा है, इसीलिए उन्होंने बर्बरीक से उसका सिर दान में मांगा और उसका सिर उठाकर अमृत कलश में रख दिया। जिससे बर्बरीक अमर हो गए।
इसके बाद भगवान कृष्ण ने उनसे प्रशन्न होकर उन्हें कलयुग में पूजे जाने का आर्शिवाद दिया। इसके बाद बर्बरीक को बाबा खाटू श्याम जी के नाम से पूजा जाने लगा।
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