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कलियुग में इस जगह होगा भगवान कल्कि का जन्म, सामने आई स्कंदपुराण की ये अद्भुत भविष्यवाणियां

BY: Babli • LAST UPDATED : August 27, 2024, 8:16 am IST
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कलियुग में इस जगह होगा भगवान कल्कि का जन्म, सामने आई स्कंदपुराण की ये अद्भुत भविष्यवाणियां

Kalki Avatar Katha

India News (इंडिया न्यूज), Kalki Avatar Katha: स्कंद पुराण के मुताबिक कलियुग के अंत में जब पाप अपने चरम पर होगा, तब भगवान विष्णु कल्कि के रूप में अवतार लेंगे। यह समय कलियुग और सतयुग के बीच का संक्रमण काल ​​होगा। कहा जाता है कि भगवान कल्कि 64 कलाओं में निपुण होंगे। कल्कि पुराण के मुताबिक भगवान कल्कि उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के संभल नामक जगह पर विष्णुयशा नामक तपस्वी ब्राह्मण के पुत्र के रूप में जन्म लेंगे।

  • भगवान कल्कि के गुरु होंगे परशुराम
  • कैसा होगा भगवान विष्णु का कल्कि अवतार?
  • भगवान कल्कि के भी 4 भाई होंगे

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भगवान कल्कि के गुरु होंगे परशुराम

भगवान कल्कि जो कि विष्णु जी के अवतार हैं, उन्हें अपने गुरु परशुराम जी से मार्गदर्शन मिलेगा। परशुराम जी को भी विष्णु जी का अवतार माना जाता है और उन्होंने अमरत्व प्राप्त किया है। परशुराम जी के कहने पर भगवान कल्कि भगवान शिव की तपस्या करेंगे। इस तपस्या से उन्हें दिव्य शक्तियां प्राप्त होंगी, जिससे वे संसार से अधर्म का नाश करेंगे।

कैसा होगा भगवान विष्णु का कल्कि अवतार?

स्कंदपुराण के दसवें अध्याय में स्पष्ट उल्लेख है कि कलियुग में भगवान विष्णु संभल गांव में श्री कल्कि का रूप धारण करेंगे। अग्नि पुराण के 16वें अध्याय में भी कल्कि अवतार का वर्णन है। इस चित्रण के अनुसार भगवान राम की तरह कल्कि अवतार के हाथ में धनुष-बाण होगा और वे घोड़े पर सवार होकर आएंगे। कल्कि पुराण में बताया गया है कि भगवान कल्कि सफेद घोड़े पर सवार होकर हाथ में चमचमाती तलवार लेकर पापियों का अंत करेंगे।

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भगवान कल्कि के भी 4 भाई होंगे

बता दें की भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि के बारे में कहा जाता है कि उनके भी चार भाई होंगे। ये भाई धर्म की स्थापना में उनकी मदद करेंगे। इनके नाम सुमंत, प्रज्ञा और कवि होंगे। इन भाइयों के साथ मिलकर भगवान धर्म की स्थापना करेंगे।

भगवान कल्कि का विवाह वैष्णो देवी से होगा। कल्कि भगवान जो कि विष्णु जी के दसवें अवतार माने जाते हैं, उनकी पत्नी का नाम ‘पद्मा’ बताया जाता है जो देवी लक्ष्मी का ही एक रूप होंगी। श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार माता वैष्णो देवी जो कि भगवान राम से विवाह करने के लिए कई युगों से तपस्या कर रही हैं, भगवान कल्कि उनकी तपस्या पूर्ण करेंगे और उनसे विवाह करेंगे। स्कंद पुराण और कल्कि पुराण में भी इस बात का उल्लेख है कि माता वैष्णो देवी राम अवतार के समय से ही तपस्या कर रही हैं।

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