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India News (इंडिया न्यूज़), Shiv & Parvati: यह कहानी भगवान शिव और माता पार्वती के बीच प्रेम और धैर्य की परीक्षा की है। यह कथा विभिन्न पुराणों और शास्त्रों में मिलती है। कहानी कुछ इस प्रकार है एक बार भगवान शिव ने सोचा कि वे माता पार्वती के प्रेम और धैर्य की परीक्षा लें। इसके लिए उन्होंने एक योजना बनाई। भगवान शिव ने अपनी योग शक्ति से अपने पसीने से एक राक्षस को उत्पन्न किया। इस राक्षस का नाम “दुर्गमासुर” था। दुर्गमासुर बहुत ही शक्तिशाली और भयानक था।
दुर्गमासुर को उत्पन्न करने के बाद भगवान शिव ने उसे आदेश दिया कि वह माता पार्वती को परेशान करे और देखे कि वे कैसे इस परिस्थिति का सामना करती हैं। दुर्गमासुर भगवान शिव के आदेश का पालन करते हुए कैलाश पर्वत पर माता पार्वती के पास पहुँचा और उन्हें परेशान करने लगा। माता पार्वती ने अपने धैर्य और शक्ति से उस राक्षस का सामना किया, लेकिन वे इस बारे में भगवान शिव से कुछ नहीं बोलीं। उन्होंने भगवान शिव से प्रार्थना की और उन्हें अपनी स्थिति से अवगत कराया।
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भगवान शिव ने माता पार्वती की परीक्षा पूरी होते ही दुर्गमासुर को रोका और उन्हें समझाया कि यह परीक्षा उनकी प्रेम और धैर्य की परीक्षा थी। इसके बाद, भगवान शिव ने दुर्गमासुर को वरदान दिया कि वह देवताओं का भक्त बनकर उनके लिए कार्य करेगा।
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इस तरह भगवान शिव ने माता पार्वती के प्रेम और धैर्य की परीक्षा ली और यह साबित किया कि वह उनकी पत्नी बनने से ज़्यादा उनकी असल माईनो में अर्धांगिनी और इस समस्त संसार की माता बनने के लिए पूर्ण रूप से योग्य हैं।
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