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Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की होगी उपासना, इस विधि से करें पूजा, जाने मुहूर्त और मंत्र

BY: Nishika Shrivastava • LAST UPDATED : March 24, 2023, 9:03 pm IST
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Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की होगी उपासना, इस विधि से करें पूजा, जाने मुहूर्त और मंत्र

Chaitra Navratri 2023 Day 4, Maa Kushmanda Puja Vidhi.

इंडिया न्यूज़: (Chaitra Navratri 2023 Day 4, Maa Kushmanda Puja Vidhi) चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ हो चुका है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, कल यानि 25 मार्च 2023, शनिवार के दिन चैत्र शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस विशेष दिन पर मां भगवती के चौथे प्रमुख स्वरूप देवी कुष्मांडा की उपासना का विधान है। बता दें कि मां कुष्मांडा तेज की देवी हैं और मान्यता है कि इनकी आराधना करने से यश, बल और बुद्धि में वृद्धि होती है। तो यहां जानिए कि चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र।

मां कुष्मांडा का स्वरूप

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कुष्मांडा की अष्टभुजा देवी के रूप में पूजा की जाती है। उनके हाथों में कमंडल, कमल, अमृतपूर्ण कलश, चक्र, गदा, धनुष, बाण और माला है। मां कुष्मांडा बाघ की सवारी करती हैं और माता को हरा रंग बहुत प्रिय है। इसलिए इनकी पूजा में हरा रंग पहनना अति शुभ माना जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि माता कुष्मांडा को मालपुआ का भोग अर्पित करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है।

चैत्र नवरात्रि माता कुष्मांडा पूजा और मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 24 मार्च को दोपहर 03 बजकर 29 मिनट पर शुरू हो रहा है और इसका समापन 25 मार्च दोपहर 02 बजकर 53 मिनट पर होगा।
इस दिन अति शुभ योग अर्थात रवि योग का निर्माण हो रहा है। चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन रवि योग सुबह 06 बजकर 15 मिनट से सुबह 11 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस अवधि में मां कुष्मांडा की उपासना करने से पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है।

चैत्र नवरात्रि माता कुष्मांडा पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर पूजा-स्थल को साफ करें और फिर स्नान कर सबसे पहले सूर्य देव को अर्घ्य प्रदान करें।
  • इसके बाद माता दुर्गा और घर में स्थापित कलश और अखंड ज्योति को धूप-दीप, गंध, पुष्प इत्यादि अर्पित करें।
  • माता कुष्मांडा को लाल पुष्प और सफेद कुम्हड़ा का फूल चढ़ाएं। साथ ही उन्हें पंचफल और मालपुए का भोग अर्पित करें।
  • पूजा के समय मां दुर्गा का ध्यान करें और देवी कुष्मांडा स्तोत्र का पाठ करें। पूजा के अंत दुर्गा माता की आरती का पाठ जरूर करें और फिर परिवार के सदस्यों में प्रसाद वितरित कर दें।

चैत्र नवरात्रि माता कुष्मांडा मंत्र

या देवी सर्वभू‍तेषु मां कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

मां कूष्मांडा का प्रार्थना मंत्र

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे।।

बीज मंत्र

ऐं ह्री देव्यै नम:

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