होम / धर्म / Magh Makar Sankranti 2022 माघ मकर संक्रान्ति 14 जनवरी, शुक्रवार को

Magh Makar Sankranti 2022 माघ मकर संक्रान्ति 14 जनवरी, शुक्रवार को

PUBLISHED BY: Mukta • LAST UPDATED : January 5, 2022, 1:28 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

Magh Makar Sankranti 2022 माघ मकर संक्रान्ति 14 जनवरी, शुक्रवार को

Magh Makar Sankranti 2022

मदन गुप्ता सपाटू,ज्योतिर्विद्


Magh Makar Sankranti 2022 14 जनवरी ,शुक्रवार को मकर संक्रांति है। इस दिन पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। 14 जनवरी को सूर्य देव का मकर राशि में प्रवेश दोपहर 02 बजकर 29 मिनट पर होना है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में लगभग 1 माह के लिए आते हैं। इस बार मकर संक्रांति की शुरूआत रोहणी नक्षत्र में हो रही है। जो कि शाम को 08 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। इस नक्षत्र को शुभ नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र में स्नान दान और पूजन करना शुभफलदायी होता है। इसके साथ ही इस दिन ब्रह्म योग और आनंदादि योग का निर्माण हो रहा है जो कि भी अनंत फलदायी माना जाता है।

मकर संक्रांति से ही देवता का दिन होता है शुरू (Magh Makar Sankranti 2022)

मकर संक्रांति के दिन से शुभ कार्यों जैसे विवाह मुंडन, विवाह, गृह प्रवेश जैसे कार्य आरंभ हो जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति से ही देवता का दिन 6 माह के लिए प्रारंभ हो जाता है। सूर्य के उत्तरायण की अवस्था को देवताओं का दिन कहा जाता है। मकर संक्रांति को सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं। इस नदी पवित्र नदियों में स्नान करने और उसके बाद दान करने का महत्व होता है।

साल में 12 संक्रांतियां पड़ती हैं, लेकिन इनमें से मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ उत्तरायण होना शुरू हो जाता है। इसलिए ही इस दिन को उत्तरायण भी कहते हैं। इस दिन से देश में दिन बड़े और रातें छोटी हो जाती हैं। शीत ऋतु का प्रभाव कम होने लगता है।

संक्रांति का भविष्य फल (Magh Makar Sankranti 2022)

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 14 तारीख से भारत की प्रभावराशि मकर पर सूर्य-बुध-शनि योग होने से केंन्द्रीय तथा कई राज्य मंत्रीमंडलों में विशेष परिवर्तन हो सकते हैं और आगामी चुनावों में अभूतपूर्व दृश्य सामने आएंगे। माध मास में 5 मंगलवार होने के कारण, देश में सत्ता परिवर्तन, आपसी टकराव, साम्प्रदायिक व हिंसक घटनाओं की संभावना है।

यही नहीं, किसी प्रमुख नेता, अभिनेता, विशिष्ट व्यक्ति के अपदस्थ या आक्रिमक मृत्यु के भी योग हैं। इस वर्ष सफेद एवं पीली वस्तुुओं के मूल्य बढेंगे। सरकार के प्रति जनता आक्रोश दिखाती रहेगी। किसान आंदोलन अप्रत्यक्ष रुप से लंबा खिंचेगा। जनाक्रोश या कोई भी आन्दोलन हिंसक या सांम्प्रदायिक रुप ले सकता है। महामारी के प्रसार में कमी आएगी तथा प्रचार और दवा वितरण में वृद्धि होगी। संक्रमण की गति 21 अप्रैल के बाद कम होनी आरंभ हो जाएगी। मकर राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का भी प्रभाव रहेगा।

मकर संक्राति का खगोलीय तथ्य (Magh Makar Sankranti 2022)

नवग्रहों में सूर्य ही एकमात्र ग्रह है जिसके आस पास सभी ग्रह घूमते हैं। यही प्रकाश देने वाला पुंज है जो धरती के अलावा अन्य ग्रहों पर भी जीवन प्रदान करता है। प्रत्येक वर्ष 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है जिसे सामान्य भाषा में मकर संक्रान्ति कहते हैं। यह पर्व दक्षिणायन के समाप्त होने और उत्तरायण प्रारंभ होने पर मनाया जाता है। वर्ष में 12 संक्रांतियां आती है।

परंतु विशिष्ट कारणों से इसे ही सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना गया है। यह एक खगोलीय घटना है जब सूर्य हर वर्ष धनु से मकर राशि में प्रवेश करता है और हर बार यह समय लगभग 20 मिनट बढ़ जाता है। अत: 72 साल बाद एक दिन का अंतर पड़ जाता है। पंद्रहवीं शताब्दी के आसपास यह संक्राति 10 जनवरी के आसपास पड़ती थी और अब यह 14 व 15 जनवरी को होने लगा है।

लगभग 150 साल के बाद 14 जनवरी की डेट आगे पीछे हो जाती है। सन् 1863 में मकर संक्राति 12 जनवरी को पड़ी थी। 2012 में सूर्य मकर राशि में 15 जनवरी को आया था। 2018 में 14 जनवरी और 2019 तथा 2020 में यह 15 जनवरी को पड़ी थी। गणना यह है कि 5000 साल बाद मकर संक्राति फरवरी के अंतिम सप्ताह में मनानी पड़ेगी।

(Magh Makar Sankranti 2022)

आज के दिन का पौराणिक महत्व भी खूब है। सूर्य अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। मान्यता है कि भगवान विष्णु ने असुरों का संहार भी इसी दिन किया था।
जितने समय में पृथ्वी सूर्य के चारों ओर एक चक्कर लगाती है, उस अवधि को सौर वर्ष कहते हैं। धरती का गोलाई में सूर्य के चारों ओर घूमना क्रान्ति चक्र कहलाता है। इस परिधि को 12 भागों में बांटकर 12 राशियां बनी हैं। पृथ्वी का एक राशि से दूसरी में जाना संक्रान्ति कहलाता है। यह एक खगोलीय घटना है जो साल में 12 बार होती है। सूर्य एक स्थान पर ही खड़ा है, धरती चक्कर लगाती है। अत: जब पृथ्वी मकर राशि में प्रवेश करती है, एर्स्टनॉमी और एस्टेलाजी में इसे मकर संक्रान्ति कहते हैं।

(Magh Makar Sankranti 2022)

इसी प्रकार सूर्य का मकर रेखा से उत्तरी कर्क रेखा की ओर जाना उत्तरायण कहलाता है। उत्तरायण आरंभ होते ही दिन बड़े होने लगते हैं। रातें अपेक्षाकृत छोटी होने लगती हैं। इस दिन पवित्र नदियों एवं तीर्थों में स्नान, दान, देव कार्य एवं मंगलकार्य करने से विशेष लाभ होता है।
ज्योतिषीय दृष्टि से सूर्य, कर्क व मकर राशियों को विशेष रुप से प्रभावित करते हैं। भारत उत्तरी गोलार्द्ध में है। सूर्य मकर संक्रांति से पूर्व, दक्षिणी गोलार्द्ध में होता है अत: सर्दी के मौसम में दिन छोटे रहते हैं। इस दिन सूर्य के उत्तरायण में आने से दिन बड़े होने शुरू होते हैं और शरद ऋतु का समापन आरंभ हो जाता है। प्राण शक्ति बढ़ने से कार्य क्षमता बढ़ती है अत: भारतीय सूर्य की उपासना करते हैं। यह संयोग प्राय: 14 जनवरी को ही आता है।

क्या करें मकर संक्रांति पर (Magh Makar Sankranti 2022)

इस दिन पवित्र नदियों एवं तीर्थों में स्नान, दान,देव कार्य एवं मंगलकार्य करने से विशेष लाभ होता है। महाभारत युद्ध में भीष्म पितामह ने भी प्राण त्यागने के लिए इस समय अर्थात सूर्य के उत्तरायण होने तक प्रतीक्षा की थी।
सूर्योदय के बाद खिचड़ी आदि बनाकर तिल के गुड़वाले लडडू प्रथम सूर्यनारायण को अर्पित करना चाहिए बाद में दानादि करना चाहिए। अपने नहाने के जल में तिल डालने चाहिए।
मंत्र: ओम नमो भगवते सूर्याय नम: या ओम सूर्याय नम: का जाप करें ।माघ माहात्म्य का पाठ भी कल्याणकारी है। सूर्य उपासना कल्याण कारी होती है। सूर्य ज्योतिष में हडिड्यों के कारक भी हैं अत: जिन्हें जोड़ों के दर्द सताते हैं या बार बार दुर्घनाओं में फ्रैक्चर होते हैं उन्हें इस दिन सूर्य को जल अवश्य अर्पित करना चाहिए।
पतंग उड़ाने की प्रथा भी इसी लिए बनाई गई ताकि खेल के बहाने, सूर्य की किरणों को शरीर में अधिक ग्रहण किया जा सके।
देव स्तुति, पित्तरों का स्मरण करके तिल, गुड़, गर्म वस्त्रों कंबल आदि का दान जनसाधारण, अक्षम या जरुरतमंदो या धर्मस्थान पर करें। माघ मास माहात्म्य सुनें या करें। इस दिन को धार्मिक अनुष्ठानों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि इस अवसर पर दिया गया दान सौ गुणा फल देता है।

उत्तर भारत में माघ मेले के रुप में मनाया यह त्योहार (Magh Makar Sankranti 2022)

उत्तर भारत में इस त्योहार को माघ मेले के रुप में मनाया जाता है तथा इसे दान पर्व माना जाता है। 14 दिसंबर से 14 जनवरी तक खर मास या मल मास माना जाता है जिसमें विवाह संबंधी मांगलिक कार्य नहीं किये जाते अत: 14 जनवरी से अच्छे दिनों का आरंभ माना जाता है।
मकर संक्राति के स्नान से लेकर शिवरात्रि तक स्नान किया जाता है। इस दिन खिचड़ी सेवन तथा इसके दान का विशेष महत्व है। इस दिन को खिचड़ी भी कहा जाता है। महारार्ष्ट् में इस दिन गुड़ तिल बांटने की प्रथा है।

यह बांटने के साथ साथ मीठा बोलने के लिए भी आग्रह किया जाता है। गंगा सागर में भी इस मौके पर मेला लगता है। कहावत है- सारे तीरथ बार बार -गंगा सागर एक बार। तमिलनाडु में इसे पोंगल के रुप में चार दिन मनाते हैं और मिटट्ी की हांडी में खीर बनाकर सूर्य को अर्पित की जाती है। पुत्री तथा जंवाई का विशेष सत्कार किया जाता है। असम में यही पर्व भोगल बीहू हो जाता है।

संक्राति पर धार्मिक दृष्टि (Magh Makar Sankranti 2022)

शास्त्रों मे दक्षिणायन को देवताओं की रात्रि अर्थात नकारात्मक समय तथा उत्तरायण को सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है। पौराणिक संदर्भ में मान्यता है कि भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने उनके गृह आते हैं। मकर राशि के स्वामी चूंकि शनिदेव हैं, इस लिए भी इसे मकर संक्राति कहा जाता है। महाभारत काल में भीष्म पितामह ने देह त्याग का समय यही चुना था। भारत में यशोदा जी ने इसी संक्रान्ति पर श्री कृष्ण को पुत्र रुप में प्राप्त करने का व्रत लिया था।

(Magh Makar Sankranti 2022)

इसके अलावा यही वह ऐतिहासिक एवं पौराणिक दिवस है जब गंगा नदी, भगीरथ के पीछे पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होते हुए गंगासागर तक पहुंची थी।
मान्यता है कि मकर संक्रान्ति पर यज्ञ या पूजापाठ मे अर्पित किए गए द्रव्य को ग्रहण करने के लिए देव व पुण्यात्माएं धरती पर आती हैं।
यह संक्रान्ति काल मौसम के परिवर्तन और इसके संक्रमण से भी बचने का हैं। इसी लिए तिल या तिल से बने पदार्थ खाने व बांटने से मानव शरीर में उर्जा का संचार होता है। तिल मिश्रित जल से स्नान,तिल उबटन, तिल भोजन, तिल दान, गुड़ तिल के लडडू मानव षरीर को सर्दी से लड़ने की क्षमता देते हैं।
इस दिन खिचड़ी के दान तथा भोजन को भी विशेष महत्व दिया गया है। उत्तर प्रदेश के लोग इसे खिचड़ी के रुप में मनाएंगे और महारार्ष्ट्यिन ताल- गूल नामक हलवा बाटेंगे। बंगाल से आए लोग भी तिल दान करेंगे।

विदेश में मकर संक्राति (Magh Makar Sankranti 2022)

भारत ही नहीं अपितु सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मौसम में आए परिवर्तन को आज भी रोम में खजूर,अंजीर और शहद बांट कर मनाया जाता है। तिल के महत्व को प्राचीन ग्रीक के लोग भी मानते थे और वर-वधु की संतान वृद्धि हेतु तिल के पकवानों को खिलाते थे।
इस पर्व को देश में हर राज्य में अपने तरीके से मनाया जाता है। गुजरात व राजस्थान में यह उत्तरायण पर्व है तो उत्तर प्रदेश में खिचड़ी है। तमिलनाडु में पोंगल तो आंध्रा में तीन दिवसीय पर्व है। बंगाल में गंगा सागर का मेला है तो पंजाब में एक दिन पहले लोहड़ी मनाई जाती है। असम में बिहु के नाम से त्योहार मनाया जाता है। पंजाब में एक दिन पहले लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है।

आपकी चंद्र राशि पर मकर संक्राति का प्रभाव, दान एवं उपाय (Magh Makar Sankranti 2022)

मेष: पदोन्नति की संभावना, सरकार से लाभ, धनाागमन, प्रतिष्ठित जनों से मित्रता के योग है। चहुंमुखी विकास होगा। विद्युत या इलेर्क्टॅनिक उपकरण खरीदें। ओम् सूर्याय नम: का जाप करें। गुड़ व गेहूं का दान करें।
बृष: सुख साधन बढ़ेंगे। मकान ,वाहन का क्रय अत्यंत शुभ रहेगा। दूध दही सफेद वस्तुओं का दान करें। मिथ्यारोप, धन हानि, अत्याधिक व्यय, राज्य पक्ष से चिंता हो सकती है। कनक दान करें।
मिथुन: परिवार में सदस्यों की वृद्धि, संतान प्राप्ति संभावित । हरी सब्जी ,हरी मूंग की दाल या हरे फल, मिठाई दान करें। कंप्यूटर, मोबाइल ले सकते हैं। शारीरिक व्याधि, ज्वर, मानहानि, पत्नी को पीड़ा दे सकता है सूर्य का गोचर। गुड़ का हलुवा गरीबों को खिलाएं।
कर्क: फ्रिज, ए.सी, वाटर प्योरिफायर या वाटर कूलर खरीदें ।सिर पीड़ा, उदर रोग, धन हानि, यात्रा, शत्रुओं से झगड़ा आदि दिखता है। सूर्य को तिल डाल कर जल अर्पित करें। चावल का दान लाभ देगा।

(Magh Makar Sankranti 2022)

सिंह: सूर्य की उपासना करें। सरकार से लाभ होगा। ओम् घृणि सूर्याय नम: का जाप करें। सोने के आभूषण या गोल्ड क्वाएन खरीदना धन वृद्धि करेगा। शत्रुओं पर विजय, कार्यसिद्धि, रोग नाश, सरकार से लाभ, वस्त्र का क्रय आदि करवाता है सूर्य। गेहूं या बेकरी आयटम्ज का दान करें।
कन्या: जल में तिल डाल कर स्नान करें। नया मोबाइल, ब्रॉड बैंड कनेक्शन, टीवी तथा संचार संबंधी उपकरण खरीदें। क्रेडिट कार्ड या ऋण लेकर कुछ न खरीदें। किसी प्रियजन को मोबाइल भेंट करें या जरुरतमंद को दान करें। सूर्य संतान से चिंता दे सकता है।यात्रा ध्यान से करें, संतान की सेहत का ध्यान रखें,वाद विवाद से बचें, मतिभ्रम न होने दें। जल में तिल डाल कर नहाएं। गााय को चारा दें ।

(Magh Makar Sankranti 2022)

तुला: हर तरफ से धन धान्य की प्राप्ति। तिल का उबटन लगाएं। इस अवसर पर चांदी खरीदें और वर्षांत तक मालामाल हो जाएं।,जमीन जायदाद संबंधी समस्याएं, मान हानि, घरेलू झगड़ों से परेशानी, शारीरिक कमजोरी । खिचड़ी और खीर का दान करें।
वृृश्चिक: रुका धन आने की संभावना। कोर्ट केस में विजय।शत्रु दबे रहेंगे। इलैक्ट््रानिक खरीदें। गज्जक, रेवड़ी का दान फलेगा।रोग मुक्ति, राज्यपक्ष मजबूत, मान प्रतिष्ठा की प्राप्ति, पुत्र व मित्रों, समाज से सम्मान देगा। जल में गुड़ डाल कर सूर्य को अर्पित करें।
धनु: शिक्षा क्षेत्र,कंपीटीशन आदि में सफलता। सोने का सिक्का या मूर्ति सामथ्यार्नुसार खरीद कर पूजा स्थान पर स्थापित करें। खिचड़ी स्वयं बनाकर 9 निर्धन मजदूरों को खिलाएं।सिर, नेत्र पीड़ा, दुष्ट लोगों से मिलन, व्यापार हानि, संबंधियों से वैमनस्य करा सकता र्है। नेत्रहीनों को भोजन करवाएं। चने की दाल का दान करें।
मकर: गरीबों में सवा किलो चावल और सवा किलो काले उड़द या इसकी खिचड़ी दान करें । सूर्य का गोचर मान हानि, कायों में देरी, उद्ेश्यहीन भ्रमण, मित्रों से मनमुटाव, सेहत खराब कर सकता है। तांबे के बर्तन धर्मस्थान पर दान दें।

(Magh Makar Sankranti 2022)

कुंभ: विदेश यात्रा, नेत्र कष्ट, अधिक व्यय, पद की हानि करवा सकता है सूर्य का गोचर। मरीजों को मीठा दलिया खिलाएं। काला सफेद कंबल या गर्म वस्त्र दान करें।
मीन: सूर्य का भ्रमण धन लाभ, नवीन पद, मंगल कार्य, राज्य कृपा, तरक्की, धन प्राप्ति देता है। वाहन सुख। प्रापर्टी का ब्याना देना या बुकिंग, दीर्घकालीन निवेश के लिए सर्वोत्तम मुहूर्त। तिल के लडडू या बेसन से बनी चीजें दान करें ।

(Magh Makar Sankranti 2022)

Read Also: Makar Sankranti 2022 Health Wishes

Read Also: Makar Sankranti 2022 Inspirational Quotes

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों का होगा कायाकल्प,पांच जिलों के मंदिरों के विकास का ऐलान
उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों का होगा कायाकल्प,पांच जिलों के मंदिरों के विकास का ऐलान
UP: लखनऊ में जुटी बिजली पंचायत टेंडर निजीकरण को लेकर किया आंदोलन
UP: लखनऊ में जुटी बिजली पंचायत टेंडर निजीकरण को लेकर किया आंदोलन
Google Maps ने फिर किया गुमराह… गलत लोकेशन से हुआ नुकसान, कई अभ्यर्थियों का छूटा UPPSC प्री एग्जाम
Google Maps ने फिर किया गुमराह… गलत लोकेशन से हुआ नुकसान, कई अभ्यर्थियों का छूटा UPPSC प्री एग्जाम
भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus
भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus
दलित छात्रों को विदेशों में पढ़वाएगी दिल्ली सरकार, जानिए योजना की पूरी डिटेल
दलित छात्रों को विदेशों में पढ़वाएगी दिल्ली सरकार, जानिए योजना की पूरी डिटेल
गलत ट्रेन, गलत फैसला PCS परीक्षा देने निकली युवती की रेल हादसे में मौत
गलत ट्रेन, गलत फैसला PCS परीक्षा देने निकली युवती की रेल हादसे में मौत
इस आसान तरीके से बनाएं रोटियां, एक बार जान ली ये ट्रिक तो घर का एक-एक सदस्य करेगा तारीफ
इस आसान तरीके से बनाएं रोटियां, एक बार जान ली ये ट्रिक तो घर का एक-एक सदस्य करेगा तारीफ
Give Up Abhiyan:  सावधान! 31 जनवरी तक अगर नहीं हटवाया इस योजना से अपना नाम तो होगी कानूनी कार्रवाई
Give Up Abhiyan: सावधान! 31 जनवरी तक अगर नहीं हटवाया इस योजना से अपना नाम तो होगी कानूनी कार्रवाई
Madhya Pradesh News: नींद में था परिवार, तभी झोपड़ी में लगी आग, 3 लोग जलकर हुए राख
Madhya Pradesh News: नींद में था परिवार, तभी झोपड़ी में लगी आग, 3 लोग जलकर हुए राख
सीरिया के बाद इस मुस्लिम देश में मची तबाही, मंजर देख कांप गए मुसलमान, मौत के आकड़े जान उड़ जाएगा होश
सीरिया के बाद इस मुस्लिम देश में मची तबाही, मंजर देख कांप गए मुसलमान, मौत के आकड़े जान उड़ जाएगा होश
कुवैत में पीएम मोदी को ऐसा क्या मिला जिससे दुश्मनों की उड़ी होश, 20वीं बार कर दिखाया ऐसा कारनामा..हर तरफ हो रही है चर्चा
कुवैत में पीएम मोदी को ऐसा क्या मिला जिससे दुश्मनों की उड़ी होश, 20वीं बार कर दिखाया ऐसा कारनामा..हर तरफ हो रही है चर्चा
ADVERTISEMENT