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India News(इंडिया न्यूज), Mahabharata: महाभारत काल में ऐसी कई घटना हुई है। जिससे बड़ी-बड़ी कथाएं का की गई, जिसमें श्री कृष्ण से जुड़ी कई कथाएं लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध है। ऐसे कई अद्भुत रहस्य भी श्री कृष्ण से जुड़ा हुआ है, जिसमें यह कहा जाता है कि उन्होंने महाभारत के युद्ध में ऐसे कई चमत्कार किए थे। जिसमें से एक चमत्कार यह भी था कि उन्होंने महाभारत में कई लोगों को पुनः जीवित किया था।
भगवान श्री कृष्णा उज्जैन में सांदीपति आश्रम में पढ़ते थे। ऐसे में जब गुरु दक्षिणा के पुत्र को एक राक्षस उठा के ले गया। तो उनके गुरु ने कहा कि उनके पुत्र को जीवित वापस लेकर आओ, लेकिन जब श्री कृष्णा वहां पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उनका पुत्र यमलोक पहुंच चुका है लेकिन गुरु को दिए वचन के कारण उन्होंने यम लोक में जाकर उनके पुत्र को वापस लाया। Mahabharata
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इसके साथ ही बता दे की श्री कृष्ण का जन्म देवकी की कोख से सातवीं पुत्र के रूप में हुआ था लेकिन उससे पहले 6 भाइयों का भी जन्म हुआ था। जिसे कंस द्वारा मार दिया गया था। ऐसे में अपनी माता से मिलने के बाद उन्होंने अपने 6 भाइयों को पुनः जीवित किया था।
यधिष्ठिर ने अश्वमेघ यज्ञ किया था। जिसका घोड़ा अर्जुन पूर्व भारत में मणिपुर लेकर पहुंचा था यहां अर्जुन का सामना मणिपुर के नरेश वभ्रुवाहन से हुआ जिन्होंने घोड़े को रोक लिया। वहां दोनों का युद्ध हुआ जिसमें अर्जुन मर गया। तब श्री कृष्ण ने अर्जुन की पत्नी उलूपी की नागमणि से उसे जिंदा कर दिया था।
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एक कथा के माध्यम से यह तो बताया जाता है कि महाभारत के युद्ध के दौरान उत्तरा गर्भवती थी। जिनके पेट में अभिमन्यु का पुत्र पल रहा था। जब पांडवों के लिए उनका अंश भी था। ऐसे में युद्ध के दौरान जब अश्वत्थामा ने संकल्प लेकर ब्रह्मास्त्र छोड़ा और पांडवों का वंश नष्ट करना चाहा तो उसे दौरान भगवान ने अभिमन्यु और उत्तरा के पुत्र को ब्रह्मास्त्र से पुनर्जीवित किया था। जो की राजा परीक्षित के नाम से प्रसिद्ध हुए। Mahabharata
इसके साथ ही बता दे की भीम के पुत्र घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक को भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत युद्ध के अंत तक जीवित रखा था क्योंकि वह उनकी इच्छा थी। उनका सिर कट गया था लेकिन फिर भी वह जीवित रहे।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
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