India News (इंडिया न्यूज), Mahakumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ पर्व का आयोजन 13 जनवरी से प्रारंभ हो चुका है। हर बार की तरह इस बार भी लाखों श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाने और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने के लिए यहां पहुंचे हैं। महाकुंभ में पवित्र नदी में स्नान करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि संगम में स्नान करने से व्यक्ति के समस्त पाप धुल जाते हैं और वह शुद्ध हो जाता है। इसके साथ ही, पंचकोसी परिक्रमा का भी विशेष महत्व है। इसे करने से आत्मा शुद्ध होती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद पचौरी से जानते हैं कि पंचकोसी परिक्रमा क्या है और इसके क्या लाभ हैं।
पंचकोसी परिक्रमा क्या है?
पंचकोसी परिक्रमा प्रयागराज तीर्थ के चारों ओर की पवित्र यात्रा है, जो लगभग 20 कोस (लगभग 60 किमी) के क्षेत्र में फैली हुई है। इसमें तीन मुख्य वेदियां शामिल होती हैं:
- अंतर्वेदी
- मध्यवेदी
- बहिर्वेदी
यह क्षेत्र संगम, गंगा-यमुना के पवित्र घाटों, तीर्थ स्थलों, कुंभ क्षेत्र और आश्रमों से घिरा हुआ है। इस यात्रा के दौरान भक्त इन सभी पवित्र स्थलों के दर्शन करते हैं और आध्यात्मिक ऊर्जा से भर जाते हैं।
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पंचकोसी परिक्रमा के लाभ
पंचकोसी परिक्रमा करने से श्रद्धालुओं को कई आध्यात्मिक और सांसारिक लाभ प्राप्त होते हैं:
- पांच विकारों से मुक्ति:
- यह यात्रा काम, क्रोध, मोह, मद और लोभ जैसे पांच विकारों से मुक्ति दिलाती है।
- तीर्थ दर्शन का फल:
- इसे करने से सभी प्रमुख तीर्थों के दर्शन का फल प्राप्त होता है।
- आध्यात्मिक शक्ति:
- यह परिक्रमा आत्मा को शुद्ध करती है और जीवन में सुख-समृद्धि लाती है।
- पितरों को लाभ:
- परिक्रमा का लाभ केवल श्रद्धालु को ही नहीं, बल्कि उनके परिवार और पितरों को भी मिलता है।
- सद्गति की प्राप्ति:
- मान्यता है कि इसे करने से जीवन के अंत समय में सद्गति प्राप्त होती है।
महाकुंभ 2025 में पंचकोसी परिक्रमा का महत्व
महाकुंभ 2025 का आयोजन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अद्वितीय संयोग 144 वर्षों बाद आया है। महाकुंभ में पवित्र डुबकी लगाने और पंचकोसी परिक्रमा करने से श्रद्धालुओं को शुभ फल प्राप्त होते हैं। यह न केवल व्यक्ति के जीवन को सुखमय बनाता है, बल्कि इसे करने से परिवार और पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है।
साधु-संतों की परिक्रमा
पंचकोसी परिक्रमा साधु-संतों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस महाकुंभ में नागा साधु और अखाड़ों के संत भी पंचकोसी परिक्रमा करते हैं। इस यात्रा के दौरान भक्त और साधु-संत कई पवित्र स्थलों के दर्शन करते हैं, जो आध्यात्मिक ऊर्जा और ज्ञान का स्रोत हैं। यह यात्रा उनके ज्ञान, विवेक और आत्मिक बल को बढ़ाती है।
आध्यात्मिक लाभ कैसे प्राप्त करें?
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को निम्नलिखित कार्य अवश्य करने चाहिए:
- पवित्र संगम में स्नान करें।
- पंचकोसी परिक्रमा करें और इस यात्रा के दौरान पवित्र स्थलों के दर्शन करें।
- ध्यान और साधना का अभ्यास करें।
- साधु-संतों के प्रवचन सुनें।
महाकुंभ 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का एक सुअवसर है। पंचकोसी परिक्रमा का महत्व इसलिए और भी बढ़ जाता है, क्योंकि यह जीवन को आध्यात्मिक ऊर्जा और सकारात्मकता से भर देती है। इसलिए, यदि आप महाकुंभ में आ रहे हैं, तो पवित्र डुबकी के साथ इस परिक्रमा को अवश्य करें और इसके लाभों का अनुभव करें।
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