India News (इंडिया न्यूज़), Makar Sankranti 2024 Significance of Eat Khichdi: देश भर में मकर संक्रांति का त्योहार का काफी खास महत्व होता है। इसे लोग भगवान सूर्य की पूजा के साथ मनाते हैं। बता दें कि इस दिन लोग दही-चूड़ा खाते हैं और तिल, गुड़ चावल इत्यादि का दान करने की मान्यता हैं। लेकिन मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाए जाने का भी काफी महत्व माना गया है। कई जगह पर मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाई जाती है और कई जगहों पर मकर संक्रांति को खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी क्यों खाई जाती है? दरअसल, इसके पीछे का ज्योतिषीय कारण है। तो यहां जानिए आखिर मकर संक्रांति पर खिचड़ी क्यों बनाई जाती है।

खिचड़ी की हर एक सामग्री का अलग माना गया है महत्व

शास्त्रों के अनुसार बताया गया कि मकर संक्रांति के दिन बनाए जाने वाली खिचड़ी में डालने वाली हर एक सामग्री का काफी अलग महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार, खिचड़ी में प्रयोग होने वाले चावल को चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है। खिचड़ी में प्रयोग होने वाली दाल को शनि का प्रतीक माना गया हैं। खिचड़ी में डालने वाली हल्दी को बृहस्पति का प्रतीक और नमक को शुक्र का प्रतीक माना जाता है। जबकि, खिचड़ी में डलने वाली सब्जियों का संबंध बुध ग्रह से माना गया है। ऐसे में मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने से लोगों को सेहत का आशीर्वाद मिलता है।

खिचड़ी खाने से समाप्त हो जाते हैं ये दोष

शास्त्रों में बताया गया कि खिचड़ी खाने से शनि का दोष समाप्त होता है। अगर किसी व्यक्ति पर शनि का प्रकोप है और अगर वो मकर संक्रांति के दिन ये खिचड़ी खाता है, तो उसे इस दोष से मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा खिचड़ी खाने के पीछे का कुछ स्थानीय कारण भी है। ज्यादातर इलाकों में जनवरी के महीने में ही धान की फसल पूरी तरह से तैयार होती है। इस दौरान नए धान से ही चूड़ा तथा चावल बनाया जाता है।

नए चावल से खिचड़ी बनाई जाती है और इसका उपयोग किया जाता है। नए चावल का इस्तेमाल सर्दियों के दिनों में करने के पीछे का वैज्ञानिक कारण भी माना जाता है। इस वजह से खिचड़ी का इस्तेमाल मकर संक्रांति पर बड़े पैमाने पर किया जाता है। इस दिन ये खिचड़ी को जरुर खाना चाहिए।