Makar Sankranti Date 2026: मकर संक्रांति का त्योहार देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है. उत्तर भारत में, मकर संक्रांति को खिचड़ी, माघी, लोहड़ी आदि नामों से जाना जाता है. जबकि दक्षिण भारत में, इस त्योहार को दक्षिणायन कहा जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि माना जाता है कि इस दिन सूर्य देव दक्षिणायन (दक्षिणी दिशा) से उत्तरायण (उत्तरी दिशा) में जाते हैं. वैदिक ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, इस दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं. इसलिए, उत्तर भारत में इस त्योहार को मकर संक्रांति कहा जाता है.
इस त्योहार की शुभता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भीष्म पितामह, बाणों की शय्या पर लेटे हुए, अपने प्राण त्यागने से पहले सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार कर रहे थे. मकर संक्रांति आमतौर पर 14 जनवरी को मनाई जाती है, लेकिन कभी-कभी, कैलेंडर में बदलाव के कारण, इसे 15 जनवरी को मनाया जाता है. तो आइए जानते हैं कि 2026 में मकर संक्रांति कब मनाई जाएगी, शुभ और महाशुभ मुहूर्त क्या हैं, और इस दिन स्नान और दान के संबंध में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
मकर संक्रांति 2026 शुभ मुहूर्त
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, 2026 में मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा. इस बार, मकर संक्रांति की तारीख को लेकर कैलेंडर में कोई विसंगति नहीं है. मकर संक्रांति के लिए शुभ मुहूर्त (पुण्य काल) दोपहर 3:13 बजे से शाम 5:45 बजे तक रहेगा. महाशुभ मुहूर्त (महा पुण्य काल) दोपहर 3:13 बजे से शाम 4:48 बजे तक रहेगा. मकर संक्रांति पर दान-पुण्य करने के लिए ये दोनों समय बहुत शुभ माने जाते हैं. ज़ी न्यूज़ को पसंदीदा स्रोत के रूप में जोड़ें
मकर संक्रांति पर क्या दान करें
तिल और गुड़ का दान
मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ का दान सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. तिल को पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, तिल शरीर को शुद्ध करते हैं और आत्मा को ऊर्जा देते हैं. गुड़ मिठास और सौभाग्य का प्रतीक है. सर्दियों में गुड़ खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है. इन दोनों चीज़ों का दान करने से शनि देव और सूर्य देव दोनों का आशीर्वाद मिलता है.
अनाज और खिचड़ी का दान
मकर संक्रांति के दिन अनाज का दान सभी दानों में सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि यह भूखे व्यक्ति की आत्मा को संतुष्ट करता है. चावल, दाल, बाजरा, और खासकर खिचड़ी बनाने में इस्तेमाल होने वाली काली उड़द दाल का दान मकर संक्रांति पर अत्यंत शुभ माना जाता है. स्कंद पुराण के अनुसार, सच्चे दिल से भोजन दान करने से हजारों यज्ञों के बराबर पुण्य मिलता है.
गौ दान या गौ सेवा
हिंदू धर्म में गाय का दान (गौ दान) सबसे बड़ा पुण्य कार्य माना जाता है. गाय को मां का दर्जा दिया गया है, और शास्त्रों में गौ दान के महत्व का विस्तार से वर्णन किया गया है. अगर गाय दान करना संभव नहीं है, तो गौशाला को चारा, गुड़ या आर्थिक मदद (पैसे दान करना) देना भी बहुत पुण्य का काम माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि गाय दान करने से व्यक्ति के सारे पाप खत्म हो जाते हैं और उसकी आत्मा को मोक्ष मिलता है.
कपड़े और कंबल का दान
यह त्योहार सर्दियों के मौसम में आता है, इसलिए जरूरतमंदों को गर्म कपड़े दान करना एक महान सेवा कार्य माना जाता है. इसलिए, इस दिन कंबल, शॉल, स्वेटर और गर्म कपड़े दान करना पुण्य का काम माना जाता है. दान किए गए कपड़े न केवल ठंड से बचाते हैं बल्कि सेवा और करुणा की भावना को भी बढ़ाते हैं. यह दान व्यक्ति के जीवन में सुख और समृद्धि लाता है.