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India News (इंडिया न्यूज़), Malmas 2023: 18 जुलाई दिन मंगलवार से मलमास शुरू हो रहा है। यह मलमास या अधिकमास भी कहलाता है। साल में जुड़ने वाले अधिक माह को मलीन माना जाता है। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही है। मलमास के अधिपति देव भगवान पुरुषोत्तम यानि श्रीहरि विष्णु हैं, इसलिए मलमास को पुरुषोत्तम मास भी कहते है यह मलमास श्रावण माह में जुड़ रहा है। मान्यता है कि इस मास किए गए धार्मिक कार्यों और पूजा पाठ का फल अधिक मिलता है
श्रावण की मलमास 17 जुलाई सोमवार से है, यह इस वजह सोमवती अमावस्या है। उसके अगले दिन यानि 18 जुलाई से मलमास की शुरूआत होगा। हिंदू पंचाग के अनुसार 18 जुलाई को मलमास के कृष्ण पक्ष है।
वैदिक पंचाग के अनुसार, मलमास के कृष्ण पक्ष के बाद शुक्ल पक्ष प्रारंभ होगा। इसके बाद मलमास पूर्णिमा तिथि आएगी। मलमास पूर्णिमा या सावन अधिक मास पूर्णिमा को इस माह का समापन होगा। बता दे कि इस साल मलमास पूर्णिमा 16 अगस्त को है। मलमास पूर्णिमा के बाद से सावन का शुक्ल पक्ष शुरू होगा।
मान्यता है कि मलमास में भगवान कृष्ण और नरसिंह भगवान की कथाओं को सुनना चाहिए। दान पुण्य के कार्य करने चाहिए। अधिकमास में श्रीमद्भगवद्गीता, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ, राम कथा और गीता का अध्याय करना चाहिए। सुबह शाम ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए।
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