संबंधित खबरें
आखिर क्या वजह आन पड़ी कि भगवान शिव को लेना पड़ा भैरव अवतार, इन कथाओं में छुपा है ये बड़ा रहस्य, काशी में आज भी मौजूद है सबूत!
इन 3 राशि के जातकों के लिए खास है आज का दिन, गजकेसरी योग से होगा इतना धन लाभ की संभाल नही पाएंगे आप! जानें आज का राशिफल
एक तवायफ के लिए जब इन 2 कट्टर पंडितों ने बदल दिया था अपना धर्म…आशिक बन कबूला था इस्लाम, जानें नाम?
दैवीय शक्तियों का आशीर्वाद किन्नरों को दिया दान… इस अशुभ ग्रह को भी शांत कर देगा जो इस प्रकार किया ये कार्य?
12 साल बाद इस राशि में बनने जा रहा है महाशक्तिशाली गजलक्ष्मी राजयोग, 2025 शुरू होते ही इन 3 राशियों को छप्पर फाड़ देंगी पैसा
आपकी नाभि का ऐसा आकार चुटकियों में बता देगा आपके सारे राज…जानें कबतक मिलेगी सफलता और कैसे खुलेंगे धन के द्वार?
India News (इंडिया न्यूज), Mangla Gauri Vrat 2024: सावन के महीने में मंगला गौरी व्रत रखने का विधान है। वैसे तो मंगलवार का दिन हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित होता है, लेकिन सावन के महीने में पड़ने वाले हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। इस दिन महिलाएं व्रत रखकर माता पार्वती की पूजा करती हैं। साथ ही इस दिन भगवान शिव और गणेश की भी पूजा की जाती है।
आपको बता दें कि इस साल सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू हुआ था, जो 19 अगस्त 2024 को समाप्त होगा। इस साल सावन में कुल 4 मंगलवार पड़ने से 4 मंगला गौरी व्रत भी रखे जाएंगे। तीन मंगला गौरी व्रत पूरे होने के बाद अब चौथा यानी आखिरी मंगला गौरी व्रत 13 अगस्त 2024 मंगलवार को रखा जाएगा। आइए जानते हैं सावन के आखिरी मंगलवार को कैसे करें मंगला गौरी की पूजा।
मंगला गौरी व्रत में देवी पार्वती के मंगला गौरी स्वरूप की पूजा की जाती है। व्रत के दिन महिलाओं को सुबह जल्दी उठकर स्नान कर पूजा कक्ष की सफाई करनी चाहिए। पूजा के लिए महिलाओं को लाल रंग के वस्त्र पहनने चाहिए। इसके साथ ही आप हरा, गुलाबी और पीला वस्त्र भी पहन सकती हैं, लेकिन सफेद, काला, नीला या भूरा वस्त्र न पहनें। पूजा के लिए एक चौकी पर माता पार्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। Mangla Gauri Vrat 2024
इस एक चीज को करने से शादी से पहले आएगा चांद सा निखार, दुल्हन के आगे सब होगे बेकार
साथ ही भगवान शिव और भगवान गणेश की तस्वीर भी रखें। माता मंगला गौरी को लाल वस्त्र अर्पित करें। इसके बाद सिंदूर लगाएं और फूल, माला, लौंग, सुपारी, इलायची, पान, लड्डू, फल आदि अर्पित करें. साथ ही माता पार्वती को सुहाग का सामान भी अर्पित करें। ध्यान रखें कि मंगला गौरी की पूजा में मां को अर्पित की जाने वाली सभी सामग्रियों की संख्या 16 होनी चाहिए। इसके बाद भगवान शिव और भगवान गणेश की भी पूजा करें। फिर मंगला गौरी व्रत कथा पढ़ें या सुनें।
रक्षाबंधन से पहले इन राशियों को होगा भारी नुकसान, शनि के ग्रह बदलने से पड़ेगा प्रभाव
इस तरह विधि-विधान से पूजा करने से मां मंगला गौरी प्रसन्न होती हैं और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं। मंगला गौरी व्रत का महत्व देखें तो सावन में पड़ने वाला मंगला गौरी व्रत बहुत महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि मंगला गौरी का व्रत और पूजन करने से दांपत्य जीवन सुखमय रहता है और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, अविवाहित लड़कियां भी अच्छा जीवनसाथी पाने के लिए यह व्रत रखती हैं। संतान प्राप्ति की कामना के लिए मंगला गौरी का व्रत शुभ माना जाता है।
विदेश हिंदुस्तान के आगे झुका Bangladesh, अंतरिम सरकार ने Sheikh Hasina के रहने पर दिया ये जवाब
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.