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India News (इंडिया न्यूज),Masik Shivratri 2024: देवों के देव महादेव को त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि बहुत प्रिय है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत और चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि व्रत रखा जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, जून माह में मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत दोनों एक ही दिन पड़ रहे हैं। ऐसे में भगवान शिव की पूजा करने से दोगुना फल मिलेगा, तो चलिए जानते हैं मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त।
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 4 जून को दोपहर 12:18 बजे शुरू होगी और 4 जून को रात 10:01 बजे समाप्त होगी। इसके बाद चतुर्दशी तिथि रात 10:02 बजे शुरू होगी और 5 जून को शाम 7:54 बजे समाप्त होगी।
प्रदोष व्रत के दिन भगवान की पूजा प्रदोष काल में की जाती है, इसलिए ज्येष्ठ मास का प्रदोष व्रत 4 जून को रखा जाएगा। प्रदोष व्रत मंगलवार को पड़ रहा है, इसलिए इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। मासिक शिवरात्रि के दिन भी भगवान शिव की पूजा रात के समय निशिता काल में की जाती है, इसलिए मासिक शिवरात्रि का व्रत भी 4 जून को रखा जाएगा।
पंचांग के अनुसार, भौम प्रदोष की पूजा का समय शाम 7:16 बजे से रात 9:18 बजे तक रहेगा। वहीं, मासिक शिवरात्रि की पूजा रात 11:59 बजे से देर रात 12:40 बजे तक की जा सकेगी।
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