INDIA NEWS (इंडिया न्यूज़) Muharram: गुरुवार यानी 20 जुलाई से भारत में मुहर्रम का महीना शुरु हो रहा है। मुहर्रम के पहले दिन पर्दा-ए-काबा बदला जाता है। गुरुवार को यह बदला जा चुका है। इस साल पर्दा-ए-काबा सोने और चांदी से तैयार की गई है। काबा मक्का में महान मस्जिद के प्रांगण में एक छोटी पत्थर की इमारत है। जिसमें एक पवित्र काला पत्थर है और यह इस्लामी तीर्थयात्रा का लक्ष्य है। वह स्थान जहां मुसलमान प्रार्थना करते हैं।

जानिए कितने किलो सोने और चांदी की है पर्दा-ए-काबा

गौरतलब है कि इस साल पर्दा-ए-का’बा को 120 किलो सोने और 100 किलो चांदी से तैयार किया गया है। इसे “किस्वा” नामक कारखाने में बनाया गया है। इस पर्दे को तैयार करने के लिए लगभग 670 किलोग्राम सफेद रेशम का धागा मंगवाया गया है। जिसे काले रंग से रंगा जाएगा। फिर इन काले धागों को जैक्वार्ड मशीनों की मदद से सादे या पैर्टन में कपड़े पर बुनाई होगी। फिर इसमें कुरान की आयतों को बेहद दिलचस्प तरिके से सोने और चांदी के धागे से उकेरा जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार काबा को तैयार करने में 3.4 मिलियन डॉलर का खर्चा आता है।

क्या होता है काबा

चलिए जानते हैं कि ये पर्दा-ए-काबा होता क्या है, चौकोर इमारत है, जो रेशम और सूती पर्दे में सुंदर ढंग से लिपटी हुई है। यह काबा तीन स्तंभो पर टिका होता है। सऊदी अरब के मक्का में स्थित यह इस्लाम का सबसे पवित्र तीर्थस्थल है। काबा को इस्लाम धर्म में इबादत की इमारत भी कहा जाता है। जिसके सामने मुह करके मुस्लिम नमाज़ पढ़ते हैं। इस साल मुहर्रम के पर्दे सोने और चांदी की तैयार की जाएगी। बता दें कि काबा के दरवाजे साल में दो बार खुलते हैं। एक बार हज से 30 दिन पहले एक बार रमजान से 30 दिन पहले। यह अधिकतर समय काले पर्दे से ढ़का होता है। इसे तैयार करने में लगभग 200 से अधिक कारीगर काम करते हैं।

ये भी पढ़ें:- सावन में शिव की पूजा करने से मिलता है कई गुना अधिक फल, जानिए सावन से जुड़ी इस मान्यता के बारे में