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India News (इंडिया न्यूज़), Naga Sadhu: भारत की सांस्कृतिक विविधता और धार्मिक परंपराएँ दुनिया भर में मशहूर हैं। इनमें से एक अद्वितीय और रहस्यमय अभ्यास है, जो विशेष रूप से नागा साधुओं द्वारा किया जाता है। ये साधु अपने कठोर तप और तपस्वी जीवन के लिए प्रसिद्ध हैं, और उनमें से एक प्रमुख अभ्यास है ‘आग से मौत तक का खेल’। इस अभ्यास की गहराई और महत्व को समझने के लिए आइए इस पर करीब से नज़र डालें।
नागा साधु भारत के हेमकुण्ड और हिमालय की पहाड़ियों में रहने वाले उन साधुओं का समूह हैं जो भगवान शिव के उपासक होते हैं। ये साधु अपनी आध्यात्मिक यात्रा को चरम पर ले जाने के लिए कठोर तप करते हैं और एक विशिष्ट जीवन शैली अपनाते हैं। उनका जीवन अत्यंत कठोर होता है, जिसमें वे सांसारिक सुख-सुविधाओं को त्याग कर साधना में लीन रहते हैं।
नागा साधुओं के बीच आग से संबंधित अभ्यास एक विशेष रूप से नायाब और रहस्यमय परंपरा है। इसे ‘आग से मौत तक का खेल’ भी कहा जाता है। इस खेल में साधु अपने शरीर को आग के संपर्क में लाकर खुद को अत्यधिक तप और पीड़ा से गुजारते हैं। यह अभ्यास शारीरिक और मानसिक शक्ति की परीक्षा के रूप में देखा जाता है।
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‘आग से मौत तक का खेल’ नागा साधुओं के तपस्वी जीवन और कठिन साधना का एक अद्वितीय पहलू है। यह अभ्यास उनकी शारीरिक और मानसिक शक्ति का प्रतीक है और उनके आध्यात्मिक समर्पण की ऊंचाइयों को दर्शाता है। इस कठिन और खतरनाक खेल को केवल उन लोगों को ही मौका मिलता है जिन्होंने अपनी तपस्या और साधना से इस योग्यता को प्राप्त किया है। यह न केवल एक व्यक्तिगत परीक्षण है, बल्कि एक सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा का भी अभिन्न हिस्सा है।
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