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Narak Chaturdashi 2025: छोटी दिवाली के दिन करें ये असरदार उपाय, माता लक्षमी की होगी कृपा, कर्जों से मिलेगा छूटकारा

Choti Diwali 2025: नरक चतुर्दशी का त्योहार 19 अक्टूबर रविवार के दिन मनाया जायेगा. पर्व मनाने का मुख्य लक्ष्य ईश्वर की शरण में जाकर उनकी कृपा व स्नेह प्राप्त करना होता है. छोटी दिवाली के दिन पूजा करने के अलावा कुछ खास उपाय भी शास्त्रों में बताए गए हैं, जिससे माता लक्षमी की कृपा आप पर होती है और आप सभी तरह के कर्जों से मुक्त हो जाते हैं.

Written By: Pandit Shashishekhar Tripathi
Last Updated: October 8, 2025 14:24:16 IST

Narak Chaturdashi 2025: दीपावली के पर्व में धन त्रयोदशी के ठीक अगले दिन नरक चतुर्दशी होती है जिसे कुछ लोग नरक चौदस या छोटी दिवाली के नाम से भी जानते हैं. इस बार 19 अक्टूबर रविवार को नरक चतुर्दशी पड़ रही है, तो अभी से तो इसकी प्लानिंग कर लेना अधिक अच्छा रहेगा. प्रत्येक त्योहार का मूल उद्देश्य सकारात्मक भाव के साथ ईश्वर से प्रार्थना करना होता है. ईश्वर की शरण में जाकर उनकी कृपा व स्नेह प्राप्त करना ही पर्व मनाने का मुख्य लक्ष्य होता है. चलिए जानते हैं यहां क्या कहना है पंडित शशिशेखर त्रिपाठी (Pandit Shashishekhar Tripathi) का 

इस स्थान पर तेल का दीपक जरूर जलाएं

कई बार घर या सड़क पर गंदगी के ढेर को देख कर लोग यूं ही कहते हैं नरक मचा है. नरक का सीधा अर्थ मलिनता से है और इस पर्व को मनाना यानी घर से गंदगी को दूर करना. आपने अपने घर को अभी से साफ करना शुरू कर दिया है तो बहुत अच्छा अन्यथा नरक चतुर्दशी के दिन तो ठीक से साफ करना ही होगा. घर की नाली के पास गंदगी रहती है इसलिए इस दिन नाली के किनारे दीपक जरूर जलाना चाहिए. नरक चतुर्दशी की प्लानिंग करने के पहले यह जानना जरूरी है कि इसमें किस देवता की उपासना और चिंतन करना है. 

शरीर में इस चीज की मालिश से आएगा धन

चतुर्दशी यानी नरक चौदस के दिन लक्ष्मी जी तेल में निवास करती हैं. इस दिन सुबह उठकर शरीर में तेल की मालिश अवश्य ही करनी चाहिए. ऐसा करने से परिवार में आर्थिक संपन्नता आती है. जो लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, उन्हें इस दिन शरीर पर तेल अवश्य ही लगाना चाहिए, इस कार्य को करने से उनके पास पैसा आने लगेगा.   

हनुमान जी की आराधना कर दूर करें रोग और संकट

नरक चतुर्दशी को लेकर कई मान्यताएं हैं. प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त हनुमान जी की जयंती चैत्र पूर्णिमा के अलावा कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भी मानी जाती है. इस दिन हनुमान जी की आराधना करने से रोग और जीवन के संकटों से छुटकारा मिलता है. इस दिन जो लोग 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ पूरे परिवार के साथ बैठकर करते हैं, उनके परिवार से दुखों का अंत होकर जीवन के बंधनों संकट व तनाव से मुक्ति मिल जाती है. गोस्वामी तुलसीदास ने हनुमान चालीसा में “जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बंदि महा सुख होई” लिखा है. कहा जाता है कि दीपावली के दिन ही लंका विजय कर भगवान श्री राम अपने भाई लक्ष्मण एवं पत्नी सीता माता के साथ अयोध्या लौटे थे. सूचना आने के बाद से लोग दीपोत्सव करने लगे थे. हनुमान जी की जयंती के अलावा माना जाता है कि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था, इसलिए भी इसको नरक चतुर्दशी कहते हैं. 

यम को खुश करने के लिए जलाएं दीपक

प्रभु श्री राम, भगवान श्री कृष्ण और हनुमान जी के अलावा इस दिन का महत्व एक अन्य देवता को लेकर भी है जिनका नाम सुनते ही व्यक्ति डर जाता है. वह देवता हैं सूर्यपुत्र यम, उन्हें प्रसन्न करने से व्यक्ति की अकाल मृत्यु नहीं होती है. उनके नाम पर घर के दक्षिण दिशा में चौमुखी दीपक जलाया जाता है. नरक चतुर्दशी या छोटी दीपावली को प्रातःकाल हाथी को गन्ना या मीठा खिलाने से जीवन की तकलीफों से मुक्ति मिलती है.

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