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Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा को कंबल चढ़ाने की परंपरा क्यों है खास? जानिए इसके पीछे की चमत्कारी वजह

Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा को न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में आस्था और विश्वास का प्रतीक माना जाता है. वे भगवान हनुमान के पक्के भक्त थे. कैंची धाम में भक्त बाबा को कंबल चढ़ाते हैं,आइए जानतें है इसके बारे में विस्तार से..

Written By: Shivashakti narayan singh
Last Updated: November 23, 2025 13:16:31 IST

Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा को न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में आस्था और विश्वास का प्रतीक माना जाता है. वे भगवान हनुमान के पक्के भक्त थे. उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कैंची धाम उनका मुख्य आश्रम है, जहाँ हर साल लाखों लोग आते हैं. जहाँ दूसरे मंदिरों और आश्रमों में लोग फल, फूल या मिठाई चढ़ाते हैं, वहीं कैंची धाम में भक्त कंबल चढ़ाते हैं. यह परंपरा ऐसे ही शुरू नहीं हुई; इसके पीछे एक बहुत ही खास और चमत्कारी कहानी है. आइए इसके बारे में जानें.

कंबल चढ़ाने के पीछे की कहानी

1943 में एक घटना हुई जब बाबा अचानक फतेहगढ़ में रहने वाले एक बुज़ुर्ग दंपति के घर पहुंचे. उन्होंने कहा कि वे उस रात उनके घर पर रुकेंगे. उन्होंने बड़े प्यार से बाबा को खाना खिलाया और ओढ़ने के लिए एक कंबल दिया. उस रात, बाबा कंबल में लिपटे हुए थे और जोर-जोर से कराह रहे थे, जैसे किसी ने उन्हें मारा हो. सुबह बाबा ने वही कंबल दंपति को दिया और कहा कि इसे बिना खोले गंगा में फेंक दो. दंपति ने ऐसा ही किया, लेकिन जैसे ही वे कंबल गंगा में ले गए, वह इतना भारी हो गया जैसे उसमें लोहा भरा हो. फिर भी, उन्होंने बाबा की बात मानी और उसे बिना खोले गंगा में फेंक दिया.

बेटा सही-सलामत घर लौटा

कुछ दिनों बाद, उनका बेटा, जो ब्रिटिश आर्मी में था और बर्मा वॉर जोन में तैनात था, सही-सलामत घर लौट आया. उसने उन्हें बताया कि उस रात वह दुश्मनों के बीच फस गया था और चारों तरफ से गोलियां चल रही थीं, लेकिन उसे एक भी गोली नहीं लगी. उस रात उसके सभी साथी मारे गए, लेकिन वह बच गया. फिर दंपति को एहसास हुआ कि बाबा ने जो कंबल उन्हें ओढ़ाया था, वह असल में उनके बेटे की रक्षा कर रहा था. इस कंबल को “बुलेटप्रूफ कंबल” भी कहा जाता था, और इसीलिए कैंची धाम में कंबल चढ़ाने का रिवाज शुरू हुआ.आज भी, जब भक्त कैंची धाम में बाबा के दर्शन करने जाते हैं, तो वे वहां कंबल चढ़ाते हैं. फिर पुजारी कंबल को बाबा के पैरों से छूकर वापस कर देते हैं.

कंबल का सही इस्तेमाल क्या है?

  • इसे अपने घर के पूजा घर में रखें और रोज दीया जलाएं.

  • बुरी नजर से बचने के लिए, आप इस कंबल से किसी बीमार या अक्सर परेशान रहने वाले व्यक्ति को एक बार ओढ़ा सकते हैं.

  • आप इसे अपने घर के मंदिर में बिछा सकते हैं, ठीक वैसे ही जैसे यह बाबा के आसन पर बिछाया जाता है.

  • अगर जगह कम हो, तो इसे साफ कपड़े में लपेटकर सुरक्षित रखें.

  • किसी एग्जाम, इंटरव्यू या किसी बड़ी जिम्मेदारी से पहले किसी को यह कंबल ओढ़ाएं.

  • बीमारी के दौरान भी, इससे खुद को ढककर बाबा से प्रार्थना करें. शनिवार और मंगलवार को इस कंबल की खास पूजा करें, धूप और दीप जलाएं.

Disclaimer : प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. INDIA News इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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