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India News (इंडिया न्यूज), Neeraj Chopra Mahabharat Connection: महाभारत की कहानी सभी ने सुनी है, जिसमें कई वीर योद्धाओं ने लड़ाई लड़ी और अस्त्र शस्त्र की निपुण ज्ञान से युद्ध में अपनी प्रदर्शन को दिखाया करते थे। कुछ योद्धा तलवारबाजी करते थे तो कई मल युद्ध में विश्वास रखते थे। तो कई गदा के साथ युद्ध करते थे, तो कई ने धनुष का इस्तेमाल किया लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा योद्धा भी था जो भाला यानी कि जैवलिन थ्रो का इस्तेमाल करता था। आज के समय की बात करें तो देश के खीलाड़ी नीरज चोपड़ा लगातार भाला फेकने वाले खेल में देश का नाम रोशन कर रहे है। ऐसे में महाभारत से ही भाले का रिश्ता जुड़ा हुआ है।
महाभारत में युद्ध में एक योद्धा ऐसा भी था। जिसे भाला फेकने में सबसे कुशल माना जाता था। उनका निशाना अचूक रहता और वह भाले की मदद से सबसे ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करके दिखाते थे। वह योद्धा और को ही नहीं बल्कि पांडवों में से ही एक था जिसका नाम था धर्मराज युधिष्ठिर। Neeraj Chopra Mahabharat Connection
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धर्मराज युधिष्ठिर के बारे में बताएं तो युधिष्ठिर भाला फेकने में काफी कुशल थे और वह कई सैकड़ो मिलो दूर तक अपने भाले को फेंक सकते थे। वह इतने सक्षम थे कि वह अपने भले की सहायता से पूरे युद्ध को लड़ रहे थे। भाला फेंकना आज के समय लोगप्रिय खेल बन चुका है लेकिन ऐतिहासिक खेलों में देखा जाए तो यह काफी जरूरी था और पौराणिक कथा में इसका लगातार जिक्र देखने को मिलता है।
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महाभारत में जो भी योद्धा मौजूद थे उन सभी को भाला फेंकने की शिक्षा दी जाती थी, लेकिन उसमें कुशलता प्राप्त करना और युद्ध कला के लिए उसे अपनाना युधिष्ठिर कर पाए। महाभारत सिर्फ युद्ध नीति और अस्त्र शास्त्र के लहजे से ही नहीं बल्कि जीवन नीति और धर्म अधर्म के लहजे से भी काफी महत्वपूर्ण है।
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