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न राम न रावण बल्कि इनसे भी दुगनी शक्तिशाली थी रामायण काल की ये 5 महिलाएं…इन महाशक्तियों का था दूसरा नाम?

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : September 24, 2024, 5:03 pm IST
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न राम न रावण बल्कि इनसे भी दुगनी शक्तिशाली थी रामायण काल की ये 5 महिलाएं…इन महाशक्तियों का था दूसरा नाम?

Powerfull Ladies In Ramayan Kaal: रामायण काल की ये महिलाएं हमें यह याद दिलाती हैं कि शक्ति केवल बाहरी नहीं होती, बल्कि आंतरिक धैर्य, ज्ञान और साहस का प्रतीक भी होती है।

India News (इंडिया न्यूज), Powerfull Ladies In Ramayan Kaal: रामायण काल में कई शक्तिशाली और प्रभावशाली महिलाओं का उल्लेख मिलता है, जिन्होंने उस समय की सामाजिक और राजनीतिक घटनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ये महिलाएं न केवल अपने समय की नायिकाएं थीं बल्कि उनके ज्ञान, शक्ति और संकल्प ने समाज पर गहरा प्रभाव डाला। आइए जानते हैं उस काल की पांच ताकतवर महिलाओं के बारे में:

कैकेयी:

अयोध्या के राजा दशरथ की सबसे प्रिय रानी, कैकेयी, न केवल शास्त्रों, वेदों और पुराणों का गहरा ज्ञान रखती थीं बल्कि वह एक योद्धा भी थीं। देवासुर संग्राम में, कैकेयी ने राजा दशरथ की रक्षा की थी। उनकी राजनीतिक सूझबूझ और चतुराई ने उन्हें रामायण के एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा कर दिया, जब उन्होंने राम के वनवास की मांग की, जिससे रामायण की कथा को एक नई दिशा मिली।

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सीता:

देवी सीता, राजा जनक की पुत्री और भगवान राम की पत्नी, न केवल अपनी अद्वितीय सुंदरता और गुणों के लिए जानी जाती थीं, बल्कि उनकी आत्मशक्ति और तपस्या भी अद्वितीय थी। उनके पास इतनी शक्ति थी कि वह किसी को भी भस्म कर सकती थीं, परंतु उन्होंने अपने जीवन में धैर्य और संयम का पालन किया। वनवास, अग्निपरीक्षा और लव-कुश का पालन-पोषण उनकी असाधारण सहनशीलता और आंतरिक शक्ति को दर्शाता है।

मंदोदरी:

रावण की पत्नी मंदोदरी, अपने पति की प्रमुख सलाहकार थीं। वह न केवल एक समर्पित पत्नी थीं, बल्कि एक समझदार और दूरदर्शी महिला भी थीं। मंदोदरी ने रावण को सीता का अपहरण न करने की सलाह दी थी, लेकिन रावण ने उसकी बात नहीं मानी। यह कहा जाता है कि मंदोदरी ने ही शतरंज के खेल की शुरुआत की थी, जो उस समय की राजनीति और युद्ध की रणनीतियों को दर्शाता है।

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अंजनी:

हनुमानजी की माता, अंजनी, पूर्व जन्म में देवराज इंद्र के दरबार में एक अप्सरा, पुंजिकस्थला थीं। उनका यह अवतार भगवान शिव के वरदान के रूप में हनुमान को जन्म देने के लिए हुआ था। अंजनी ने अपने पुत्र हनुमान को संस्कार, शिक्षा और भक्ति के मार्ग पर अग्रसर किया, जिससे हनुमान ने रामायण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अंजनी का जीवन नारी शक्ति और मातृत्व के उच्चतम आदर्शों का प्रतीक है।

अहिल्या:

अत्यंत सुन्दर, विनम्र और पतिव्रता स्त्री, अहिल्या का विवाह गौतम ऋषि से हुआ था। इंद्र द्वारा छलपूर्वक उनकी तपस्या भंग करने पर वह शिला बन गई थीं, लेकिन भगवान राम के स्पर्श से उन्होंने फिर से मानव रूप प्राप्त किया। अहिल्या ने ही देवी सीता को धर्म और जीवन के महत्व का ज्ञान सिखाया था। यह भी कहा जाता है कि उन्होंने सीता को एक दिव्य साड़ी प्रदान की थी, जो न कभी गंदी होती थी और न कभी फटती थी।

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ये महिलाएं न केवल अपने समय की महान विभूतियां थीं, बल्कि उनकी कहानियां आज भी हमें जीवन, धर्म, और संघर्ष में धैर्य और संकल्प का महत्व सिखाती हैं। रामायण काल की ये महिलाएं हमें यह याद दिलाती हैं कि शक्ति केवल बाहरी नहीं होती, बल्कि आंतरिक धैर्य, ज्ञान और साहस का प्रतीक भी होती है।

Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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