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मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्
वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रह का अस्त होना एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। प्रति वर्ष, कुछ दिनों के लिये आकाश में कोई-कोई ग्रह दिखायी नहीं देता है क्योंकि वह सूर्य के अत्यन्त समीप आ जाता है। वर्ष के इन दिनों को ग्रह-अस्त, ग्रह-लोप, ग्रह-मौद्य, ग्रह-मौद्यामि के नाम से जाना जाता है। अधिकाँश शुभ कार्य जैसे विवाह समारोह आदि, शुक्र और गुरु ग्रह के अस्त काल में नहीं किये जाते हैं।
बृहस्पति फरवरी के महीने में अस्त होने जा रहे हैं। ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को संपन्नता, विवाह, वैभव, विवेक, धार्मिक कार्य आदि का कारक माना जाता है इसलिए इनका अस्त होना शुभ नहीं माना जाता। इसलिए गुरु ग्रह जब अस्त होते हैं तब शुभ-मांगलिक कार्यों को करने की भी मनाही होती है, इस दौरान शादी, मुंडन, नामकरण जैसे संस्कार नहीं किये जाते।
गुरु यानि बृहस्पति 19 फरवरी 2022, शनिवार को सुबह 11 बजकर 13 मिनट पर कुंभ राशि में अस्त होंगे. 20 मार्च 2022, रविवार को सुबह 9 बजकर 35 मिनट पर इसी राशि में गुरु अपनी सामान्य अवस्था में वापस आ जाएंगे.मतलब 19फरवरी से 20 मार्च तक कोई धार्मिक और मांगलिक कार्यक्रम नहीं हो सकेंगे।ज्योतिष अनुसार जब भी कोई ग्रह राशि परिवर्तन या अस्त होता है, तो इसका सीधा असर मानव जीवन पर पड़ता है।
वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को गुरु कहा जाता है। यह धनु और मीन राशि के स्वामी होते हैं और कर्क इसकी उच्च राशि है जबकि मकर इनकी नीच राशि मानी जाती है। गुरु ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, धन, दान, पुण्य और वृद्धि आदि के कारक माने जाते हैं। ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु, विशाखा, और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस व्यक्ति पर बृहस्पति ग्रह की कृपा बरसती है उस व्यक्ति के अंदर सात्विक गुणों का विकास होता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति सत्य के मार्ग पर चलता है।
गुरु अस्त होने का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा, लेकिन 3 राशियां ऐसी हैं, जिनको लिए गुरु की यह स्थिति थोड़ी कष्टकारी रह सकती है। आइए जानते हैं, ये 3 राशियां कौन सी हैं…
गुरु अस्त होने से कर्क, मीन और धनु राशि वालों की मुश्किलें बढ़ सकतीं हैं। इस राशि वालों को कोई नया निवेश नहीं करना चाहिए। साथ ही अभी कोई नया व्यापार भी शुरू नहीं करना चाहिए। वरना नुकसान हो सकता है। इस अवधि में नुकसान, शत्रुओं से हानि का सामना करना पड़ सकता है। वहीं किसी विवाद भी हो सकता है। लिहाजा इस समय बेहद संभलकर चलें। किसी बुजुर्ग से आपकी कहासुनी हो सकती हैं। इसलिए शब्दों की मर्यादा बनाकर चलें, तो बेहतर होगा।
मेष राशि – इस दौरान जॉब और व्यापर में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कार्य स्थल पर अपने सीनियर के साथ मनमुटाव या कुछ भ्रम की स्थिति बन सकती है। न चाहते हुए भी यात्रा करनी पड़ सकती है। पार्टनर के साथ संबंध प्रभावित हो सकते हैं। धन के मामले में भी बाधा और परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। धैर्य बनाए रखना होगा। रिश्तेदार, मित्र और बड़े भाई – बहनों के साथ वाद – विवाद की स्थिति बन सकती है. इससे बचने का प्रयास करें।
वृषभ राशि –गुरु का अस्त होना वृषभ राशि वालों के लिए महत्वपूर्ण है। गुरु अस्त होने से जॉब और बिजनेस में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। कार्यों को पूरा करने में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। नई जॉब की तलाश है तो ये तलाश पुरी हो सकती है। इस दौरान योजना बनाकर कार्य करने से लाभ की स्थिति बन सकती है। अनावश्यक खर्चों पर रोक लगाएं। आय से अधिक धन का व्यय मानसिक तनाव का कारण बन सकता है।
मिथुन राशि – गुरु की यह चाल आपके भाग्य को प्रभावित कर रही है. पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। इस दौरान अनचाही यात्रा करनी पड़ सकती है। सुखों में कुछ कमी आ सकती है। व्यापार में लाभ के लिए अतिरिक्त परिश्रम करना पड़ सकता है। संतान को लेकर चिंता बढ़ सकती है। धन के मामले में अचानक लाभ की स्थिति बनी हुई है। आय के स्त्रोत में वृद्धि हो सकती है। धन का निवेश सोच समझ कर करें। जल्दबाजी में लिया गया निर्णय गलत साबित हो सकता है। जीवन साथी से तनाव की स्थिति न बनने दें। कोई पुराना रोग उभर सकता है। सेहत का ध्यान रखें।
कर्क राशि – लक्ष्य को पूरा करने में दिक्कत आ सकती है। जिस कारण कार्य स्थल पर मान सम्मान में कमी आ सकती है। जिम्मेदारियों में भी कमी आ सकती है. ये स्थिति मानसिक परेशानी का कारण बन सकती है। कर्ज लेने की स्थिति से बचें। पुराना रोग है तो उसे लेकर गंभीर होने की जरुरत है। सेहत के मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही आपके लिए ठीक नहीं है। व्यापार में निवेश सोच समझ कर करें। हानि हो सकती है। परिजनों के लिए कम समय निकाल पाएंगे। धैर्य बनाए रखना होगा. नकारात्मक विचारों से दूरी बनाकर रखें।
सिंह राशि – सिंह राशि वालों को गुरु की इस अवस्था का विशेष ध्यान रखना होगा। इस दौरान अपनी छवि को लेकर सतर्क रहें। इस दौरान संबंधों पर प्रभाव पड़ सकता है। रिश्तेदार, मित्रों से विवाद की स्थिति न बनने दें। गलत संगत से बचना होगा। प्रतिद्वंदी सक्रिय रहेंगे और हानि पहुंचाने का कार्य कर सकते हैं। नकारात्मक विचारों से बचने का प्रयास करें। बॉस या उच्च पद पर बैठे व्यक्तियों से संबंध बिगड़ सकते हैं। इसे लेकर सावधान रहें। व्यापार में लाभ प्राप्त करने के लिए अधिक परिश्रम करना पड़ सकता है। अहंकार और क्रोध से बचने का प्रयास करें।
तुला राशि –गुरु का अस्त होना मिले-जुले परिणाम लेकर आ रहा है। इस दौरान संबंध खास तौर पर प्रेम संबंधों पर ध्यान देना होगा। उच्च पदों पर बैठे लोगों से संबंध प्रभावित हो सकते हैं। प्रतिद्वंदी भी सक्रिय रहेंगे। और तरक्की में बाधा पहुंचाने का कार्य कर सकते हैं।
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