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India News (इंडिया न्यूज), Rakshabandhan: रक्षाबंधन भाई-बहन के आपसी प्रेम और स्नेह का प्रतीक है, जिसे खासतौर पर भाई-बहन के रिश्ते को प्रगाढ़ बनाने और उसे संजोने के लिए मनाया जाता है। इस वर्ष रक्षाबंधन 19 अगस्त, सोमवार को मनाया जाएगा। इस खास दिन पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, और इस प्रक्रिया में कुछ खास नियमों का पालन भी किया जाता है।
रक्षाबंधन की परंपरा के अनुसार, राखी बांधते समय बहनों को तीन गांठें लगानी चाहिए। यह परंपरा शुभ और मंगलकारी मानी जाती है। प्रत्येक गांठ का विशेष महत्व होता है:
पहली गांठ: यह गांठ भाई की लंबी उम्र और स्वास्थ्य की कामना के लिए होती है। इसे बांधते समय बहन प्रार्थना करती है कि उसके भाई का जीवन लंबा और स्वस्थ रहे।
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दूसरी गांठ: यह गांठ बहन की लंबी उम्र और सुख-शांति की कामना के लिए होती है। इसे बांधते समय बहन अपनी खुद की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करती है।
तीसरी गांठ: यह गांठ दोनों के रिश्ते की मजबूती और स्थायित्व के लिए होती है। इसके माध्यम से बहन अपने और भाई के बीच के रिश्ते को मजबूत और संजीवनी बनाए रखने की इच्छा करती है।
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इन तीन गांठों का संबंध केवल व्यक्तिगत लाभ से नहीं है, बल्कि धार्मिक मान्यताओं से भी जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि ये गांठें ब्रह्मा, विष्णु, और महेश (शिव) देवताओं के साथ संबंधित हैं। पहली गांठ ब्रह्मा की कृपा के प्रतीक, दूसरी गांठ विष्णु की रक्षा और तीसरी गांठ शिव के आशीर्वाद का प्रतीक मानी जाती है।
इस प्रकार, रक्षाबंधन का त्योहार केवल भाई-बहन के रिश्ते को सम्मानित करने का अवसर नहीं है, बल्कि यह धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का भी पालन करने का एक महत्वपूर्ण दिन है। राखी बांधते समय इन तीन गांठों को सही ढंग से बांधना, त्योहार की पारंपरिक और धार्मिक महत्वपूर्णता को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण कार्य है।
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