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India News (इंडिया न्यूज़), Pakistan Hindu Dynasty: पाकिस्तान के सिंध प्रांत के अमरकोट शहर में स्थित, सोढ़ा परिवार एक प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक शाही परिवार है, जो परमार वंश की एक शाखा के रूप में जाना जाता है। इस परिवार के वर्तमान शासक, करणी सिंह सोढ़ा, अपने पिता राणा हमीर सिंह के उत्तराधिकारी हैं, जिन्होंने सोढ़ा परिवार की गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ाया। यह परिवार न केवल अपनी शाही पृष्ठभूमि के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अपने सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव के लिए भी जाना जाता है।
सोढ़ा परिवार का इतिहास परमार वंश से जुड़ा है, जो राजपूतों की एक प्रमुख शाखा है। इनकी ऐतिहासिक जड़ें भारतीय उपमहाद्वीप की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ी हैं, और यह परिवार अपने सम्मान और प्रतिष्ठा के लिए सदियों से जाना जाता है। अमरकोट, जो कभी राजपूत राज्यों का हिस्सा था, अब पाकिस्तान का एक हिस्सा है, और यहां सोढ़ा परिवार की गहरी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक उपस्थिति है।
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भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद, सोढ़ा परिवार ने पाकिस्तान में रहकर अपनी शाही पहचान को बनाए रखा। राणा हमीर सिंह के पिता, चंद्र सिंह, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। राणा हमीर सिंह भी एक महत्वपूर्ण राजनीतिक हस्ती रहे, और उन्होंने कई बार पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में प्रतिनिधित्व किया। 1990 में, उन्होंने पीपीपी से अलग होकर पाकिस्तान हिंदू पार्टी की स्थापना की, जो अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए समर्पित थी।
करणी सिंह सोढ़ा, वर्तमान में सोढ़ा परिवार के मुखिया हैं और अपने परिवार की राजनीतिक और सामाजिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। वे न केवल शाही परिवार के शासक हैं, बल्कि एक सक्रिय राजनीतिक और सामाजिक नेता भी हैं, जो पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए आवाज उठा रहे हैं।
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2015 में करणी सिंह सोढ़ा ने राजस्थान के शाही परिवार की पद्मिनी राठौर से शादी की, जो भारत और पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों का प्रतीक है। इस शादी का जश्न सीमा पार होकर मनाया गया, जिसमें दोनों देशों के परिवारों ने मिलकर हिस्सा लिया। यह विवाह न केवल व्यक्तिगत बल्कि दोनों देशों के बीच के संबंधों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
हालांकि पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यक हैं, फिर भी सोढ़ा परिवार ने अपने आस-पास के मुस्लिम समुदायों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखे हैं। अमरकोट में आज भी सोढ़ा परिवार को बहुत इज्जत और आदर के साथ देखा जाता है। इस परिवार को ‘इतिहास के रखवाले’ के रूप में माना जाता है, जिन्होंने अपनी संस्कृति और परंपराओं को संजोए रखा है और उन्हें आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाया है।
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सोढ़ा परिवार की कहानी न केवल इतिहास और राजनीति की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह धार्मिक सहिष्णुता, सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक समरसता का एक अनूठा उदाहरण भी प्रस्तुत करती है।
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