संबंधित खबरें
क्या आपके घर पर भी छा रहे है कंगाली के बादल, नहीं दिख रही कोई राह? कहीं नाराज तो नहीं ये देवता आपसे, काले पत्थर का ये उपाय दिलाएगा 7 पीढ़ियों तक राहत!
क्या आप भी खड़े होकर करते है भगवान की पूजा? ये 5 गलतियां चढ़ा देती हैं कभी ना उतरने वाला पाप
बाथरूम में रखी ये 5 चीजें बर्बाद कर देती है आपके घर की सुख-शांति, वास्तु दोष का कारण बनती है और सोख लेती है सारा सुख-चैन!
इतने मुखी का रुद्राक्ष को धारण करने से जीवन में मिलते है अनेको फायदे की गिनते हुए थक जाएंगे आप, और ये देता रहेगा अपार धन
महाकुंभ भगदड़ में 20 नहीं इतने लोगों की गई जान, डीआईजी कुंभ ने किया बड़ा खुलासा, सुनकर कांप जाएगी रूह
फरवरी में न्याय के देवता बदलेंगे अपनी चाल, खेलेंगे ऐसा खेल की इन 3 राशियों की जाग जाएगी किस्मत, सभी समस्याओं का अपने आप निकल जाएगा हल
India News (इंडिया न्यूज़), pandav swarg yatra: महाभारत युद्ध की समाप्ति के बाद सभी पांडव सशरीर स्वर्ग चले गए। स्वर्ग का अर्थ है हिमालय का कोई ऐसा क्षेत्र जहां इंद्र आदि का शासन था। जब पांचों पांडव परीक्षित को अपना राज्य सौंपकर स्वर्ग की कठिन यात्रा कर रहे थे तो इस यात्रा में द्रौपदी भी उनके साथ थीं। हर कोई सशरीर स्वर्ग पहुंचना चाहता था। लेकिन रास्ते में कुछ ऐसा हुआ कि एक-एक करके पांडव गिर पड़े और उनकी मृत्यु हो गई।
महाभारत के अनुसार पांचों पांडव, द्रौपदी और एक कुत्ता आगे चलने लगे। एक स्थान पर द्रौपदी लड़खड़ाकर गिर पड़ी। द्रौपदी को गिरता देख भीम ने युधिष्ठिर से पूछा कि द्रौपदी ने तो कभी कोई पाप नहीं किया, फिर क्या कारण है कि वह नीचे गिर पड़ी? युधिष्ठिर ने कहा- द्रौपदी हम सभी में अर्जुन से सबसे अधिक प्रेम करती थी। इसीलिए उसके साथ ऐसा हुआ। यह कहकर युधिष्ठिर द्रौपदी की ओर देखे बिना ही आगे बढ़ गए।
सहदेव भी थोड़ी देर बाद गिर पड़े। तब भीम ने पूछा कि सहदेव क्यों गिरे? युधिष्ठिर ने कहा- सहदेव किसी को अपने जितना विद्वान नहीं मानता था, इसी दोष के कारण उसे गिरना पड़ा। कुछ देर बाद नकुल भी गिर गया। भीम के पूछने पर युधिष्ठिर ने बताया कि नकुल को अपने रूप पर बहुत घमंड था। इसीलिए आज उसकी इतनी बुरी हालत है।
थोड़ी देर बाद अर्जुन भी गिर पड़े। युधिष्ठिर ने भीम से कहा- अर्जुन को अपनी वीरता पर गर्व था। अर्जुन ने कहा था कि वह एक ही दिन में शत्रुओं का नाश कर देगा, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सका। अपने अभिमान के कारण ही आज अर्जुन की यह हालत है। यह कहकर युधिष्ठिर आगे बढ़ गए।
अगर इस शुभ मूहर्त में किया कन्या पूजन तो छप्पर फाड़ धन दौलत देंगी माँ, घर में होगा देवी का प्रवेश!
थोड़ी दूर चलने पर भीम भी गिर पड़े। तब भीम ने गिरते समय युधिष्ठिर से खुद की जान बचाने के लिए मदद मांगी तो युधिष्ठिर ने उनकी जान न बचा कर कुत्ते की जान बचाई, इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि इस जानवर की सहायता तुमहे बचाने से ज्यादा जरूरी है क्योंकी वह खुद की मदद नहीं कर सकता, तुमहारे क्रोध ने कई लोगों की जान ली इसीलिए आज तुम्हें जमीन पर गिरना पड़ा। यह कहकर युधिष्ठिर आगे बढ़ गए। केवल वह कुत्ता ही उनके साथ चलता रहा।
युधिष्ठिर थोड़ी दूर चले ही थे कि देवराज इंद्र स्वयं उन्हें स्वर्ग ले जाने के लिए अपना रथ लेकर आ गए। तब युधिष्ठिर ने इंद्र से कहा- मेरे भाई और द्रौपदी रास्ते में गिर गए हैं। ऐसी व्यवस्था करो कि वे भी हमारे साथ चलें। तब इंद्र ने कहा कि वे सभी तो पहले ही अपना शरीर त्यागकर स्वर्ग पहुंच चुके हैं, लेकिन आप अपने भौतिक शरीर के साथ ही स्वर्ग जाएंगे। इंद्र की बातें सुनकर युधिष्ठिर ने कहा कि यह कुत्ता भी मेरे साथ चलेगा लेकिन इंद्र ने ऐसा करने से मना कर दिया। काफी अनुनय-विनय के बाद भी जब युधिष्ठिर कुत्ते के बिना स्वर्ग जाने को तैयार नहीं हुए तो कुत्ते के रूप में यमराज अपने वास्तविक रूप में प्रकट हुए। युधिष्ठिर को अपने धर्म पर अडिग देखकर यमराज प्रसन्न हुए। इसके बाद इंद्र और युधिष्ठिर रथ पर सवार होकर स्वर्ग की ओर चल दिए।
मां महागौरी की महाअष्टमी को इस तरह से करें आरती, जानें कैसे हर मुराद हो जाएगी पूरी!
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.