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India News (इंडिया न्यूज़), Parad Shivling in Sawan: आज सावन का चौथा सोमवार है। भक्त सुबह से ही भोले भंडारी को प्रसन्न करने के लिए उनकी भक्ति में डूब जाते हैं। आज के दिन व्रत रखने से भगवान भोलेनाथ की उन पर कृपा होती है। भोलेनाथ को इसलिए भोले भंडारी कहते हैं क्योंकि वो केवल जल और बेल पत्र चढ़ाने मात्र से भी अपने भक्त पर मेहरबान जाते हैं। इसलिए उनके भक्त उनके प्रति अपना स्नेह दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। सावन के महीने में एक शिवलिंग की चर्चा खूब होती है जिसे चमत्कारी शिवलिंग भी लोग मानते हैं। ऐसा शिवलिंग जो जिस घर में जाता है। हम बात करे रहे हैं पारद शिवलिंग के बारे में। जिसे मिट्टी या सीमेंट से नहीं एक खास चीज से बनाई जाती है। चलिए जानते हैं उस शिवलिंग के बारे में।
पारद भगवान शिव के साथ आपको जोड़ता है और ध्यान और आध्यात्मिक साधना में भी लाभ देता है। इसके घर में स्थापना मात्र ही शांति, संतुष्टि और समृद्धि भी आती है। प्राचीन ज्ञान के अनुसार तैयार किया जाने पर सिद्ध पारद उपचार में और सुरक्षा के चमत्कारी गुणों से भरा होता है। पारद शिवलिंग रखने से आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का माहौल बनता है जो शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य लाता है। ऐसा कहा जाता है कि इसकी उपस्थिति नकारात्मक तरंगों को बेअसर करती है तथा सद्भाव और कल्याण को बढ़ावा देती है। प्राचीन ग्रंथों में अनेक श्लोकों में पारद के महत्व का बहुत गुणगान किया गया है।
जब आप घर पर पारद शिवलिंग लाते हैं, तो आप अनंत भाग्य, अच्छे स्वास्थ्य और अपने परिवार के सदस्यों की समग्र आध्यात्मिक सुरक्षा के लिए अपने दरवाजे खोलते हैं। असली पारद शिवलिंग विष और सभी दोषों से मुक्त है। मूल पारद शिवलिंग का भी परीक्षण किया जा सकता है। इसे सूर्य की रोशनी में पानी में डालकर 45 मिनट से 1 घंटे के भीतर देखें , मूल पारद शिवलिंग की सतह सुनहरी नज़र आएगी।
पारद शिवलिंग पारे यानि मरकरी से बना होता है। इसका उपयोग साधना के लिए किया जाता है और यदि कोई इसका उपयोग कर इस पर ध्यान केंद्रित करके पूजा करे तो उसकी अधिकांश इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। ऋषि-मुनियों द्वारा पारद शिवलिंग की पूजा-अर्चना करने की सलाह दी गई है। शांति, समृद्धि और खुशी के लिए इसकी सबसे अच्छी अनुशंसा की जाती है। पारद शिवलिंग के अन्य कई लाभ हैं;
1. घर या कार्यालय में समृद्धि, भोजन, धन या कपड़े की कोई कमी नहीं होती।
2. इसे शयनकक्ष में रखने से दम्पति के बीच सामंजस्य स्थापित होता है।
3. यदि इसे किसी धार्मिक सभा में रखा जाए तो यह देवी सरस्वती का स्मरण कर ज्ञान प्रदान करता है।
4. छात्रों को ज्ञान से परिपूर्ण करता है और उनकी याददाश्त को तेज़ करता है।
5. इसमें गंगा जल भरकर किसी व्यक्ति या परिसर में छिड़कने से अशुभ ग्रह प्रभाव और काले जादू की बुराइयाँ दूर हो जाती हैं। पारद शिवलिंग अपनी अधिकतम आध्यात्मिक शक्ति को बनाए रखने के लिए हस्तनिर्मित है।
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