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Paush Purnima 2026: कब मनाई जाएगी पौष पूर्णिमा, एक गलती से बन सकते हैं फकीर, जानें व्रत-पूजा का शुभ मुहूर्त

3 जनवरी को पौष पूर्णिमा मनाई जाएगी. इस दिन पूजा-पाठ, स्नान-दान करने से सुख शांति और लक्ष्मी आती है. आइए जानते हैं स्नान-दान, पूजा मुहुर्त का शुभ मुहुर्त...

Written By: Deepika Pandey
Last Updated: December 28, 2025 16:22:25 IST

Paush Purnima 2026: सर्दी के मौसम में पौष का महीना आता है. ये अधिकतर दिसंबर और जनवरी के बीच में पड़ता है. ये धार्मिक दृष्टि से बहुत खास माना जाता है. ये महीना जप-तप, साधना और पुण्य कार्यों के लिए शुभ होता है. इस महीने की पूर्णिमा का अपना खास महत्व है, जिसे पौष पूर्णिमा कहा जाता है. ये साल की सबसे महत्वपूर्ण तिथियों में गिनी जाती है.

पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान कर, व्रत रखना और दान करना बहुत खास माना जाता है. कहा जाता है कि ऐसा करने से पुण्य मिलता है और जीवन में आ रही परेशानियों से छुटकारा मिलता है. मान्यता है कि पौष पूर्णिमा पर किए गए दान-पुण्य और अच्छे कामों से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है. वहीं गलत कार्य करने से कठिनाइयां और आर्थिक परेशानियां हो सकती हैं. इसलिए कहा जाता है कि पौष पूर्णिमा के दिन कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए.

कब रखा जाएगा पौष पूर्णिमा का व्रत

बता दें कि 3 जनवरी 2026 को पौष पूर्णिमा पड़ रही है. माना जाता है कि इस दिन व्रत उत्तम फलदायी होता है. ऐसे में पूजा करने से संबंधित समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है. पंचांग के अनुसार, पौष पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 2 जनवरी को शाम 6 बजकर 53 मिनट पर होगा और ये 3 जनवरी दोपहर 2026 को रखा जाएगा. इस दिन विधिवत व्रत करने और पूजा-पाठ कर सकते हैं. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. 

पूजा करने का शुभ मुहूर्त

पौष पूर्णिमा के दिन पूजा के लिए अभिजीत मुहूर्त बेहद शुभ माना जाता है. 3 जनवरी को ये मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक है और इस दौरान पूजा करना शुभ होता है. 

स्नान-दान का मुहूर्त

पौष पूर्णिमा के दिन गंगाा, यमुना, नर्मदा जैसी नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है. अगर बाहर जाना संभव न हो सके, तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. इस दिन स्नान-दान करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त का समय बेहद शुभ माना जाता है. इस बार स्नान-दान के लिए सुबह 05 बजकर 25 मिनट से लेकर सुबह 06 बजकर 20 मिनट तक रहेगा. 

पूजा कर दान करें ये चीजें

पौष पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की  पूजा की जाती है. वहीं पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पूजन का विशेष महत्व है. इसलिए शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य दें और विधिवत पूजा करें. मान्यता है कि इस दिन कंबल, गुड़, तिल और अन्न का दान करने से मोक्ष मिलता है और सुख समृद्धि मिलती है. 

न करें ये गलतियां

  • इस दिन किसी को सूर्योदय तक सोना नहीं चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से भाग्य का साथ कमजोर पड़ता है और देवी-देवताओं की कृपा दूर हो जाती है.
  • इस दिन किसी से झगड़ा नहीं करना चाहिए. किसी को अपशब्द बोलने से घर में अशांति फैलती है. इससे तनाव इस दिन तप, साधना और आत्म सुधार की कोशिश करनी चाहिए. 
  • इस दिन पूजा-पाठ किया जाता है. ऐसे में लोगों को तामसिक भोजन और शराब के सेवन से बचना चाहिए. इन चीजों का सेवन करने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है.

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