Pausha Month: सनातन धर्म में हिंदू कैलेंडर के दसवें महीने को पौष महीना कहा जाता है. इस महीने में भगवान सूर्य की पूजा करने से विशेष आशीर्वाद मिलता है. पौष महीना 5 दिसंबर को शुरू हुआ और 3 जनवरी तक चलेगा.
भगवान सूर्य की पूजा के साथ-साथ इस महीने में खान-पान का भी खास महत्व है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इस महीने में मौसम अक्सर खराब रहता है. बहुत ज़्यादा ठंड और शीतलहर होती है. ऐसे में गलत खान-पान सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है. जानें पौष महीने में क्या खाएं और क्या न खाएं.
बाहर का खाना खाने से बचें
आजकल लोगों में मसालेदार, चटपटा और खट्टा खाना, या सड़क किनारे की दुकानों, होटलों और रेस्टोरेंट में खाने का चलन हो गया है. इन जगहों पर अक्सर बहुत ज्यादा मसाले और तेल का इस्तेमाल होता है. हालांकि, इस तरह का खाना सेहत के लिए बहुत खतरनाक माना जाता है. इसलिए, इस महीने में बाहर का खाना खाने से बचें, नहीं तो आपका पाचन खराब हो सकता है.
क्या- क्या खाएं
पौष महीने में तिल, गुड़ और अदरक का सेवन फायदेमंद माना जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इनके सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है. इस महीने में नमक का सेवन कम करने की भी सलाह दी जाती है.
भगवान सूर्य की पूजा का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, इस महीने में सूर्य कमजोर हो जाते हैं. इसलिए, जो लोग उनकी पूजा करते हैं, उन्हें भरपूर आशीर्वाद मिलता है. सूर्य की पूजा करने के लिए, सुबह जल्दी नहाने और ध्यान करने के बाद, तांबे के बर्तन में शुद्ध पानी, लाल चंदन और लाल फूल डालकर सूर्य देव को जल चढ़ाएं, साथ ही “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें. इससे बीमारियां खत्म होती हैं और मान-सम्मान बढ़ता है.
कोई शुभ काम ना करें
पौष महीने में मुंडन, शादी, गृह प्रवेश और जनेऊ संस्कार जैसे शुभ और धार्मिक कार्य नहीं करने चाहिए. ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दौरान सूर्य धनु राशि में गोचर करते हैं, जिसे अशुभ काल (खरमास) माना जाता है. इस दौरान किए गए शुभ कार्यों का अच्छा फल नहीं मिलता है.