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इन देशों में तेजी से छोड़ रहे हैं लोग इस्लामी धर्म, आखिर किस धर्म को चुनते हैं ऐसे लोग?

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : September 14, 2024, 8:15 pm IST
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इन देशों में तेजी से छोड़ रहे हैं लोग इस्लामी धर्म, आखिर किस धर्म को चुनते हैं ऐसे लोग?

Muslim Dharm; इस्लाम धर्म की बढ़ती संख्या और वैश्विक स्तर पर इसके प्रभाव के बावजूद, मुस्लिम देशों में हो रहे धार्मिक परिवर्तनों और सुधारों को समझना महत्वपूर्ण है।

India News (इंडिया न्यूज), Muslim Dharm: इस्लाम धर्म, दुनिया में मानने वालों की संख्या के हिसाब से दूसरा सबसे बड़ा धर्म है, और इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। वर्तमान में, ईसाई धर्म सबसे बड़ा धर्म है, लेकिन भविष्यवाणियाँ इस बात की ओर इशारा करती हैं कि 2035 तक इस्लाम धर्म दुनिया में सबसे अधिक अनुयायियों वाला धर्म बन सकता है। इसके बावजूद, कुछ मुस्लिम देशों में एक दिलचस्प बदलाव देखने को मिल रहा है, जहां लोग तेजी से इस्लाम धर्म को छोड़कर अन्य धर्मों की ओर रुख कर रहे हैं, या धर्म निरपेक्षता की ओर बढ़ रहे हैं।

धर्म परिवर्तन की प्रवृत्ति

  • मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के देशों में धार्मिक सुधार और धर्म निरपेक्षता की मांग तेज हो रही है। इस क्षेत्र के कई देशों में लोगों का धार्मिक दृष्टिकोण बदल रहा है और वे अधिक उदार और आधुनिक जीवनशैली की ओर बढ़ रहे हैं।
  • ईरान में, पिछले कुछ वर्षों में, बहुत से लोगों ने खुद को धार्मिक से गैर-धार्मिक मानना शुरू कर दिया है। इस परिवर्तन की वजह से, वहां की समाजशास्त्रीय संरचना में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहा है।

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  • लेबनान में, व्यक्तिगत धार्मिकता में 43% की कमी देखी गई है। यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि देश के लोग पारंपरिक धार्मिक प्रथाओं को कम महत्व दे रहे हैं और अधिक व्यक्तिगत और आधुनिक दृष्टिकोण अपना रहे हैं।
  • मिस्र, सऊदी अरब, जॉर्डन और यूएई जैसे देशों में भी धार्मिक उदारता की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की जा रही हैं। इन देशों में धार्मिक कट्टरता को छोड़कर, एक अधिक उदार और समावेशी दृष्टिकोण अपनाने की कोशिश की जा रही है।

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इन प्रयासों का उद्देश्य धार्मिक कठोरता को छोड़ना और एक उदार दृष्टिकोण अपनाना है, जिससे समाज में अधिक समरसता और आधुनिकता को बढ़ावा मिले। मुस्लिम देशों की यह कोशिश केवल धार्मिक छवि को बदलने की नहीं है, बल्कि समाज के समग्र विकास और सामाजिक समावेशिता को बढ़ावा देने की भी है।

निष्कर्ष

इस्लाम धर्म की बढ़ती संख्या और वैश्विक स्तर पर इसके प्रभाव के बावजूद, मुस्लिम देशों में हो रहे धार्मिक परिवर्तनों और सुधारों को समझना महत्वपूर्ण है। ये बदलाव दर्शाते हैं कि धर्म और समाज के बीच एक नई समझ विकसित हो रही है, जो आधुनिक यथार्थ के साथ मेल खाती है। यह स्थिति यह संकेत देती है कि धर्म निरपेक्षता और उदारता की दिशा में उठाए गए कदम वैश्विक स्तर पर धर्म और समाज के परिदृश्य को नया आकार दे सकते हैं।

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Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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