संबंधित खबरें
शिव की नगरी काशी से कभी नहीं लानी चाहिए ये 2 चीजें घर, पाप नहीं महापाप बन जाएगी आपकी ये भूल?
पूरे 9 साल के बाद इन 5 राशियों पर शांत हुआ मां काली का गुस्सा, अब जिंदगी में दिखेंगे दो बड़े बदलाव
शुक्र-शनि मिलकर बना रहे ऐसा भयंकर योग, 3 राशी वाले बनेंगे राजा, जानें क्या-क्या बदल जाएगा
इस विशेष समय में बेहद प्रबल रहता है राहु…बस इस प्रकार करनी होती है पूजा और भर देता है धन-धान्य से तिजोरी
महाभारत युद्ध के बाद तबाह होने वाला था भारत, नहीं बचता एक भी आदमी, जानें 18 दिनों तक ऐसा क्या हुआ?
महाभारत में दुर्योधन के कुकर्मों के बाद भी क्यों मिला स्वर्ग, और पांडवों को अपनी अच्छाई के बाद भी इस एक गलती के कारण झेलना पड़ा था स्वर्ग!
India News (इंडिया न्यूज), Diwali Lakshmi Puja 2024: आज (गुरुवार, 31 अक्टूबर 2024) शुभ दीपावली है। दीपोत्सव का यह पर्व पांच दिनों तक चलता है। इस पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है। दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजा और घरों व प्रतिष्ठानों में मिट्टी के दीये जलाने का विशेष महत्व है। दिवाली पर घरों में दीये जलाने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा आती है। वहीं, दिवाली की शाम को विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि, धन और शांति आती है। इस साल दिवाली की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति है कि दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाए या 01 नवंबर को। दरअसल इस बार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि दो दिन रहेगी, जिसके कारण असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। लेकिन देश की अधिकांश जानी-मानी वैदिक संस्थाओं और ज्योतिषाचार्यों की राय में 31 अक्टूबर को दिवाली मनाना ज्यादा शुभ माना जा रहा है।
धन और समृद्धि प्रदान करने वाली देवी लक्ष्मी कार्तिक मास की अष्टमी तिथि को प्रकट हुई थीं। इसलिए इस दिन और लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है। स्थिर जूनो और वनस्पति तिथि में प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। मान्यता है कि प्रदोष काल और स्थिर स्थिति में देवी लक्ष्मी का पूजन और आह्वान करने से देवी लक्ष्मी अंश रूप में भक्त के घर में निवास करती हैं। कार्तिक उत्सव और लक्ष्मी पूजन एक ही समय पर किया जाता है जब धन तिथि प्रदोष से निशिता काल तक होती है।
इस वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 3:52 बजे से शुरू होकर 01 नवंबर को शाम 6:16 बजे समाप्त होगी। ऐसे में 31 अक्टूबर को प्रदोष काल से निशिता काल तक अमावस्या तिथि व्याप्त रहेगी, जबकि 01 नवंबर को अमावस्या तिथि में पूर्ण प्रदोष काल और निशिता काल का स्पर्श नहीं होगा। इस कारण 31 अक्टूबर को दीपोत्सव पर्व मनाना और लक्ष्मी पूजन करना शुभ रहेगा। आइए जानते हैं 31 अक्टूबर को दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे शुभ मुहूर्त कौन सा रहेगा।
दिवाली पर महालक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के लिए सभी मुहूर्त और चौघड़िया समय को मिलाकर 31 अक्टूबर 2024 को शाम 05:32 बजे से रात 08:51 बजे तक लक्ष्मी पूजन करना श्रेष्ठ रहेगा। वैदिक पंचांग के अनुसार 31 अक्टूबर को प्रदोष काल शाम 05:48 बजे से शुरू होकर रात 08:21 बजे तक रहेगा। वहीं स्थिर वृषभ लग्न शाम 06:35 बजे से शुरू होकर रात 08:33 बजे तक रहेगा।
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – 05:32 से 08:51
प्रदोष काल – 05:48 से 08:21
वृषभ काल – 06:35 से 08:33
गोधूलि मुहूर्त – 05:36 से 06:02
शाम संध्या पूजा – 05:36 शाम 06:54 बजे तक
निशीथ काल पूजा – रात 11:39 बजे से 12:31 बजे तक
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.