India News (इंडिया न्यूज़), Venga Baba Prediction: साल 2024 का अंत पास आ रहा था, और दुनिया में हलचलें तेज हो रही थीं। मौसम अजीब ढंग से बदल रहा था, कहीं अचानक भूकंप आ रहे थे तो कहीं बर्फ पिघलकर बाढ़ आ रही थी। हर देश में राजनीतिक और आर्थिक संकट गहरा रहा था, जैसे कुछ अनहोनी की दस्तक हो रही हो।
इसी माहौल में लोग एक पुराने नाम को याद करने लगे—बाबा वेंगा। वो महिला, जिन्होंने सालों पहले कई चौंकाने वाली भविष्यवाणियाँ की थीं, जिनमें से कई सच साबित हो चुकी थीं। बाबा वेंगा ने अपने जीवनकाल में कई चेतावनी भरे शब्द कहे थे, और अब 2024 के बारे में भी उनकी एक भयावह भविष्यवाणी की ओर सबका ध्यान जा रहा था।
उनकी भविष्यवाणी थी कि साल 2024 के अंत में, दुनिया बड़े विनाश की ओर बढ़ेगी। “पृथ्वी हिल जाएगी, और उसकी गोद से ऐसे अनजाने दुश्मन जन्म लेंगे जो मनुष्य को बर्बाद कर देंगे,” उन्होंने कहा था। कुछ लोग इसे प्राकृतिक आपदाओं से जोड़ रहे थे, तो कुछ इसे किसी बड़े युद्ध या महामारी के संकेत मान रहे थे।
एक छोटे से गाँव में रहने वाले रामकृष्ण, जो बाबा वेंगा की भविष्यवाणियों पर बचपन से ही विश्वास करते थे, अपने परिवार को इस विनाश से बचाने के लिए तैयारियों में जुट गए थे। उन्होंने अपने घर में जरूरी राशन जमा कर लिया था, और अपने गाँव के लोगों को भी सतर्क करने की कोशिश की। “हमें प्रकृति से लड़ने की नहीं, उसके साथ जीने की जरूरत है,” उन्होंने बार-बार कहा।
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लेकिन जैसे-जैसे साल का अंत करीब आता गया, रामकृष्ण ने महसूस किया कि दुनिया सिर्फ बाहरी विनाश की ओर नहीं जा रही, बल्कि लोगों के दिलों में भी अराजकता बढ़ रही थी। इंसान अपने स्वार्थ के लिए एक-दूसरे से लड़ रहे थे, और दुनिया का संतुलन बुरी तरह से बिगड़ चुका था। बाबा वेंगा की चेतावनी अब केवल आपदाओं की नहीं, बल्कि मानवता की आंतरिक कमजोरियों की ओर भी इशारा कर रही थी।
फिर एक दिन, जब आकाश में अजीब सा रंग बिखरने लगा और धरती ने हिलने की आहट दी, रामकृष्ण को लगा कि वो क्षण आ चुका है जिसकी चेतावनी बाबा वेंगा ने दी थी। लोगों ने दौड़-भाग शुरू कर दी, लेकिन विनाश से कोई बच नहीं पाया। रामकृष्ण ने अपने परिवार को कसकर पकड़ लिया और बाबा वेंगा के अंतिम शब्द याद किए—”जब अंत नजदीक होगा, तब केवल वही बचेंगे जो धैर्य और संयम से काम लेंगे।”
विनाश का यह समय भयानक था, लेकिन रामकृष्ण और उनके जैसे कुछ लोगों ने इसे सहन किया। उन्होंने यह समझा कि बाबा वेंगा की भविष्यवाणी केवल विनाश की नहीं थी, बल्कि पुनर्निर्माण की भी थी। जो इस विनाश से बचे, वे नई दुनिया की शुरुआत करेंगे—एक ऐसी दुनिया, जहाँ मनुष्य प्रकृति का सम्मान करेगा और अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानकर शांति की ओर कदम बढ़ाएगा।
और इस तरह, 2024 का अंत भले ही विनाशकारी था, लेकिन वह एक नई शुरुआत का द्वार भी साबित हुआ।
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