Premanand Ji Maharaj: आपने नए साल 2026 के लिए कई प्लान बनाए होंगे. कुछ लोग घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो कुछ लोग मंदिर जाकर या प्रवचन सुनकर साल की शुरुआत करना चाहते हैं. कुछ लोगों ने अभी तक तय नहीं किया है कि नए साल का स्वागत कैसे करें. यह आर्टिकल इसी सवाल का जवाब देता है. यहां आप प्रेमानंद जी महाराज से जानेंगे कि नए साल 2026 का स्वागत कैसे करें.
प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, आजकल लोग नए साल को बहुत गलत तरीके से मनाते हैं. इससे उनका पूरा साल खराब हो जाता है. आजकल लोग साल की शुरुआत में शराब पीते हैं, मांस खाते हैं और अनैतिक काम करते हैं. ये आदतें सनातन धर्म की परंपराओं के बिल्कुल खिलाफ हैं. सनातन धर्म कभी भी इन कामों की इजाजत नहीं देता. ये काम करने से पाप लगता है और पूरा साल खराब हो जाता है.
प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार नए साल का जश्न कैसे मनाएं?
नए साल के दिन क्या करना चाहिए, इस सवाल का जवाब देते हुए प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि पूरी रात भगवान का नाम जपना चाहिए. फिर सुबह जानवरों और पक्षियों को ज़रूर खाना खिलाएं. गायों को हरा चारा खिलाएं. जरूरतमंदों को खाना खिलाना बहुत शुभ माना जाता है. हालांकि, ये काम रोज़ करने से भी शांति और खुशी मिलती है. जब भी मौका मिले, ये काम करें. आपको भगवान का खास आशीर्वाद मिलेगा.
प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि नए साल के दौरान बहुत ठंड होती है. इस समय ज़रूरतमंदों, गरीबों और वंचितों की मदद ज़रूर करें. आप शॉल या कंबल दान कर सकते हैं. साथ ही, भगवान का नाम याद किए बिना नए साल का जश्न अधूरा है. जिस भगवान को आप सबसे ज़्यादा प्यार करते हैं या जिनका नाम आपको जपना सबसे ज़्यादा पसंद है, उनका नाम जपना बहुत फायदेमंद होता है. रामचरितमानस में साफ-साफ कहा गया है:
कलियुग में केवल भगवान का नाम ही सहारा हैं
उनके नाम को याद करने और जपने से लोग संसार सागर पार कर जाते हैं.” इसका मतलब है कि कलियुग में सिर्फ़ भगवान का नाम ही सभी दुखों को खत्म कर सकता है. लगातार इसका जाप करने से इंसान संसार रूपी सागर को पार करके भगवान को पा लेता है.