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Premanand Ji Maharaj: भगवान हमारी मनोकामनाएं तुरंत क्यों पूरी नहीं करते? महाराज ने बताया छुपा हुआ रहस्य

Premanand Ji Maharaj: आपने लोगों को कई बार यह कहते सुना होगा कि इंसान की इच्छाएं कभी खत्म नहीं होतीं. इन इच्छाओं को पूरा करने के लिए लोग अक्सर भगवान के पास जाते हैं और जो चाहते हैं, वह मांगते हैं, जो अक्सर पूरा नहीं होता. आइए जानते हैं कि प्रेमानंद जी महाराज इसके पीछे की वजह के बारे में क्या कहते हैं.

Written By: Shivashakti narayan singh
Last Updated: December 28, 2025 20:48:29 IST

Premanand Ji Maharaj: हर इंसान आमतौर पर भगवान की पूजा करते समय कोई न कोई इच्छा करता है. भक्त को लगता है कि अगर कोई और न सुने, तो भगवान जरूर उनकी प्रार्थना सुनेंगे और उनकी इच्छाएं पूरी करेंगे. लेकिन कभी-कभी हमारी कई इच्छाएं पूरी नहीं होतीं. हमें वह नहीं मिलता जो हम चाहते हैं. ऐसी स्थिति में हमारे मन में तरह-तरह के नकारात्मक विचार आते हैं, और हम सवाल करने लगते हैं, ‘क्या भगवान हमारी नहीं सुन रहे हैं? हमारी इच्छाएं आखिर कब पूरी होंगी?’ आइए जानते हैं कि प्रेमानंद जी महाराज इस विषय पर क्या कहते हैं.

भगवान हमारी इच्छाएं कब पूरी करेंगे?

इस सवाल का जवाब देते हुए प्रेमानंद महाराज कहते हैं ,भगवान आपकी इच्छाएं क्यों पूरी करेंगे? भगवान आपको कुछ क्यों देंगे? आपने क्या किया है? क्या आप तीर्थ यात्रा पर गए हैं? क्या आपने हर सुख-दुख में उन्हें याद किया है? क्या आपने पूजा-पाठ, मंत्र जाप, व्रत और तपस्या की है? क्या आपने कभी निस्वार्थ भाव से, सच्चे दिल से भगवान की पूजा की है? अगर नहीं, तो भगवान आपकी इच्छाएं क्यों पूरी करेंगे?

भगवान भक्त की इच्छाएं दो स्थितियों में पूरी करते हैं

प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि भगवान भक्त की इच्छाएं दो स्थितियों में पूरी करते हैं. पहली स्थिति है अपनेपन का भाव. इसे समझाते हुए वे एक उदाहरण देते हैं कि मान लीजिए यह दुनिया एक दुकान है और भगवान उसके मालिक हैं. उस दुकान में हर इंसान की जिंदगी लिखी हुई है. जब कोई आम ग्राहक दुकान पर जाता है, तो दुकानदार कीमत पूछता है और फिर सामान देता है. लेकिन जब परिवार का कोई सदस्य दुकान पर आता है और कुछ मांगता है, तो उनसे कुछ नहीं लिया जाता क्योंकि उन्हें परिवार का सदस्य माना जाता है.

भगवान से यह कहना सही नहीं है

प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि भगवान के पास सब कुछ है. उनसे यह कहना कि, ‘मुझे यह दे दो, और मैं तुम्हें मिठाई चढ़ाऊंगा या दीया जलाऊंगा,’ सही नहीं है. यह किसी नौकर से बात करने जैसा है, भगवान से नहीं. भगवान ने यह पूरा ब्रह्मांड बनाया है, उनके पास दुनिया की हर चीज पहले से ही है.

भगवान को अपना बनाओ

इसी तरह, भगवान तभी देते हैं जब भक्त उनके साथ अपनेपन का भाव स्थापित करता है. इसलिए, भगवान को अपना दोस्त बनाओ, उनके सेवक बनो, या तपस्या, पूजा, व्रत और अनुष्ठानों से उन्हें जीत लो. तब भगवान आपकी इच्छाएं पूरी करेंगे.

Disclaimer : प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. INDIA News इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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