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कर्ज होना कोई गलती है या पिछले जन्म का किया हुआ फल? जानें क्या का इस पर प्रेमानंद जी महाराज ने

Premanand Maharaj Pravachan: वृंदावन में रहने वाले प्रेमानंद महाराज जी राधा-कृष्ण के सबसे बड़े भक्त माने जाते हैं, लोग उन्हें भगवान की तरह पूजते है और दूर-दूर से उनके दर्शन करने आते हैं. प्रेमानंद महाराज जी अपने प्रवचन में लोगों द्वारा पूछे गए जवाब के उत्तर देते है और सही राह दिखाने की कोशिशे करते हैं. उनसे एक भक्त ने पूछा कर्ज होना कोई गलती है या फिर पिछले जन्म का किया हुआ असर है, जानें क्या दिया इसका जवाब

Written By: Chhaya Sharma
Last Updated: December 3, 2025 18:24:03 IST

Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज को राधा-कृष्ण का बड़ा भक्त माना जाता है, वो वृंदावन वृंदावन स्थित श्री हित राधा केलि कुंज आश्रम में रहते हैं और यहां लाखों करोड़ों लोग उनके दर्शन के लिए बेहद दूर-दूर से आते हैं. प्रेमानंद महाराज जी अपने आश्रम में लोगों को प्रवचन सुनते है और मन में उठें लोगों के कुछ सवाल भी उत्तर भी उन्हें देते हैं. ऐसे ही एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज जी से सवाल किया क्या कर्ज होना कोई गलती है या फिर पिछले जन्म का किया हुआ असर है? 

क्या जिंदगी में बढ़ता कर्ज भी पूर्व जन्म के कर्मों का असर होता है?

कई बार ऐसा होता है कि लोग कर्ज में डूब जाते हैं, जिससे घर के हालात बिगड़ने लगते हैं कर्ज चुकाने का दबाव बढ़ता है, तब इंसान अपने हालातो को किस्मत से जोड़ता है. इसी उलझन पर एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज जी से सवाल किया किया क्या जिंदगी में बढ़ता कर्ज भी पूर्व जन्म के कर्मों का असर होता है? इस पर प्रेमानंद महाराज जी कहा- आज इंसान की सबसे बड़ी मुश्किल उसका दिखावा है. लोगों के पास पैसा नहीं है, लेकिन दिखावे के लिए ज्यादा खर्च करके दिखाना चाहते है,  घर हो, वाहन हो या बेटे-बेटी की शादी हर जगह चमक-दमक दिखाने की चाह होता है, जिसकी वजह से परिवारों पर कर्ज बढ़ता है.

क्या कहा महाराज जी ने?

प्रेमानंद महाराज जी ने कहा- कर्ज बढ़ना कोई पूर्व जन्म का कर्म नहीं होताहै, बल्कि यह इंसान की खुद की भूल होती है. अगर इंसान सीमा को समझकर चले, तो कर्ज जीवन में जगह ही नहीं बना पाएगा. जो लोग अपनी क्षमता से ज्यादा ऊंची चीजें हासिल करना चाहते हैं. वह हमेशा कर्ज में रहते है. अगर कोई व्यक्ति सिर्फ साइकिल चलाने तक की श्रमता रखता है, तो उसे उसी में संतोष रहना चाहिए. महंगे शौक नहीं पालने चाहिए. उधार लेना बुद्धिमानी नहीं, बल्कि परेशानी को न्योता देना है. प्रेमानंद महाराज जी ने कहा कि कर्ज लेना सिर्फ आर्थिक बोझ नहीं बढ़ता बल्कि मानसिक तनाव भी देता है. कर्ज चुकाने में जिंदगी का बड़ा हिस्सा लग जाता है. अगर कर्ज अधूरा रह जाए, तो इसका असर अगले जन्म पर भी पड़ सकता है.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. India News इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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