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Premanand Maharaj: “लव मैरिज करके फिर तलाक की नौबत क्यों?” प्रेमानंद महाराज का बड़ा बयान वायरल

Premanand Maharaj: आज कल लव मैरिज और तलाक के मामले जा रही अब इस पर प्रेमानंद महाराज ने भी अपनी राय दी है उनका कहना है कि लव मैरिज में इमोशन की कमी, बच्चों को आजादी न मिलना और बच्चों का मनमाना व्यवहार रिश्तों को कमजोर कर रहा है.

Written By: Shivashakti narayan singh
Last Updated: November 27, 2025 22:14:25 IST

Premanand Maharaj: आजकल लव मैरिज कोई आम बात नहीं रह गई है. आज के समय में लोग सिर्फ परंपरा की बात नहीं रह गए हैं, बल्कि अपनी पसंद की भी बात कर रहे हैं. लव मैरिज में बढ़ोतरी इसलिए भी हो रही है क्योंकि लोग अब अपनी भावनाओं को दबा नहीं रहे हैं, बल्कि आजादी से जीने की तरफ बढ़ रहे हैं. वे रिश्तों के बारे में फैसले लेने में ज्यादा आजाद हो रहे हैं. परिवार भी धीरे-धीरे इसे मान रहे हैं.

हालांकि, हम इस बात को भी नजरअंदाज नहीं कर सकते कि जैसे-जैसे लव मैरिज तेजी से बढ़ी हैं, तलाक के मामले भी बढ़ रहे हैं. क्योंकि रिश्ते अब सिर्फ दिखावे के लिए निभाए जाते हैं. इस मामले पर वृंदावन के मशहूर प्रेमानंद महाराज ने भी अपनी राय लोगों के साथ शेयर की है.

तलाक के मामले बढ़ रहे हैं

प्रेमानंद महाराज इस मामले पर अपनी राय देते हुए कहते हैं, “आप लव मैरिज करते हैं और फिर तलाक की बात करते हैं. लव मैरिज का मतलब है प्यार. अगर कोई आपको प्यार से अपनाता है, तो वह जिंदगी भर आपके साथ रहेगा, कभी किसी और की तरफ नहीं देखेगा. लव मैरिज का यही मतलब है.” अब होता यह है कि बच्चों को रिश्ते चुनने और जैसा वे चाहें वैसा व्यवहार करने की आजादी होती है. शादी के बाद भी आज के बच्चे ऐसे रिश्तों में आजादी चाहते हैं जहां उनके विचार मेल नहीं खाते. फिर, कुछ समय बाद वे अलग होने का फैसला कर लेते हैं.

रिश्तों में टकराव पैदा होता है

प्रेमानंद महाराज आगे कहते हैं कि माता-पिता और उनके आस-पास के सभी लोग यह मानने लगते हैं कि अगर कपल ने अपनी मर्जी से लव मैरिज की है, तो रिश्ता और भी मजबूत हो जाएगा. क्योंकि यह फैसला अपनी मर्जी और समझदारी से लिया जाता है, और पूरा भविष्य इसी पर निर्भर करता है. लेकिन जब भावनाएं डगमगाती हैं, तो मन भटकने लगता है, और इसी वजह से रिश्ते बिगड़ते हैं.

किसी और के साथ रहना

अलग होने के बाद हम किसी और के साथ रहने लगते हैं. फिर, एक-दो साल बाद, जब हम अपने पुराने पार्टनर के पास लौटते हैं, तो हमारा मन कहता है कि जो खुशी पहले थी, वह अब नहीं रही. इससे रिश्ता और खराब होता है. इसलिए धर्म के रास्ते पर चलना ही सबसे अच्छा है. लव मैरिज का यह नया तरीका सही नहीं है.

Disclaimer : प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. INDIA News इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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