संबंधित खबरें
क्यों दुर्योधन की जांघ तोड़कर ही भीम ने उतारा था उसे मौत के घाट, पैर में छिपा था ऐसा कौन-सा जीवन का राज?
जो लोग छिपा लेते हैं दूसरों से ये 7 राज…माँ लक्ष्मी का रहता है उस घर में सदैव वास, खुशियों से भरी रहती है झोली
इन 4 राशियों की लड़कियों का प्यार पाना होता है जंग जीतने जैसा, स्वर्ग सा बना देती हैं जीवन
देवो के देव महादेव के माता-पिता है कौन? शिव परिवार में क्यों नहीं दिया जाता पूजा स्थान
नए साल पर गलती से भी न करें ये काम, अगर कर दिया ऐसा तो मां लक्ष्मी देंगी ऐसी सजा जो सोच भी नहीं पाएंगे आप
दान में जो दे दिए इतने मुट्ठी चावल तो दुनिया की कोई ताकत नहीं जो रोक दे आपके अच्छे दिन, जानें सही तरीका और नियम?
India News (इंडिया न्यूज), Premanand Maharaj: अक्सर बच्चे कुछ ऐसा कर देते हैं जिस पर माता-पिता को गुस्सा आ जाता हैं लेकिन सच पूछे तो वही वो समय होता हैं जब आपको अपने गुस्से पर सबसे ज्यादा नियंत्रण रखने की जरुरत होती हैं। जी हाँ कई बार तो पुरुष को अपनी पत्नी पर भी गुस्सा आ बैठता हैं और उसी क्रोध में आकर न जाने वो क्या कुछ नहीं कह बैठता लेकिन हर हाल में जो अपने गुस्से पर कंट्रोल करे वही एक अच्छा और बुद्धिमान इंसान माना जाता हैं।
जब पत्नी और बच्चों पर गुस्सा आए, तो यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने गुस्से को सही तरीके से नियंत्रित करें ताकि इससे रिश्तों में कोई तनाव न हो। प्रेमानंद महाराज द्वारा सुझाई गई कुछ तकनीकें हैं जो इस स्थिति में मदद कर सकती हैं:
जब गुस्सा आए, तो तुरंत प्रतिक्रिया देने के बजाय एक मिनट रुकें। गहरी सांसें लें और अपने मन को शांत करने की कोशिश करें। यह आपको स्थिति पर नियंत्रण पाने और गुस्से को कम करने में मदद करेगा।
जिन हिंदुओं पर जुल्म ढा रहा Bangladesh, उन्हीं की देवी ने खड़ा किया ये देश, जानें कौन हैं वो शक्ति?
गुस्से में किए गए फैसले या कही गई बातें अक्सर नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए, प्रतिक्रिया देने से पहले थोड़ी देर सोचें कि आपके शब्द और व्यवहार का क्या प्रभाव हो सकता है।
अपनी पत्नी और बच्चों के प्रति अपने प्रेम को याद करें। यह सोचें कि उनके साथ आपका रिश्ता कितना महत्वपूर्ण है और उसे गुस्से से नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।
कभी-कभी, गुस्से के समय कुछ न कहना ही सबसे अच्छा होता है। अपने आपको शांत करने के बाद, बातचीत करें जब आप ठंडे दिमाग से सोच सकते हैं।
अगर गुस्सा बहुत ज्यादा हो तो कुछ समय के लिए उस स्थान से दूर चले जाएं। जब आप शांत महसूस करें, तब वापस आकर स्थिति को सुलझाने का प्रयास करें।
प्रेमानंद महाराज इस बात पर जोर देते हैं कि ईश्वर की प्रार्थना या ध्यान करने से मन शांत होता है और गुस्सा कम होता है। नियमित ध्यान या प्रार्थना का अभ्यास गुस्से को नियंत्रित करने में सहायता करता है।
इस जन्म में ही करें अपनी गलतियों का पश्चाताप, Premanand Ji Maharaj ने दिया ये उपाय
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.