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Premanand Maharaj का सुझाव: शादी के कार्ड में न करें ये आम गलती, वरना बढ़ सकती है परेशानी

Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज के अनुसार, आजकल लोग शादी के कार्ड पर भगवान के नाम या फोटो छपवाते हैं, जो बहुत अशुभ है. उनका कहना है कि शादी के कार्ड कुछ समय के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं और फिर फेंक दिए जाते हैं, जिससे भगवान की फोटो का अपमान होता है.

Written By: Shivashakti narayan singh
Last Updated: November 23, 2025 12:51:08 IST

Premanand Maharaj: आजकल शादी का सीजन जोरों पर है. लोग पारंपरिक हिंदू परिवार आज भी इन कार्ड पर भगवान की फोटो छपवाते हैं. शादी के कार्ड पर भगवान की फोटो छपवाने का रिवाज भले ही शुभता के साथ शुरू हुआ हो, लेकिन आजकल अनजाने में इससे अपमान हो रहा है. इसलिए, इन कार्ड पर देवी-देवताओं की फोटो नहीं छपवानी चाहिए. वृंदावन-मथुरा के बाबा प्रेमानंद महाराज ने इससे जुड़े एक सवाल का जवाब दिया. एक भक्त ने महाराज जी से पूछा कि क्या हमें शादी के कार्ड पर भगवान की फोटो छपवानी चाहिए. यह गलती न करें

प्रेमानंद महाराज का जवाब

प्रेमानंद महाराज ने इसका उत्तर देते हुए कहा, “शादी का कार्ड कुछ समय के लिए इस्तेमाल होता हैं. शादी की रस्में खत्म होने के बाद, ये कार्ड सिर्फ कचरा बन जाते हैं, कभी इन्हें कूड़े में फेंक दिया जाता है, कभी घर के किसी कोने में पड़े-पड़े खराब हो जाते हैं. ऐसे में, इन पर छपी भगवान की तस्वीर का अपमान होना आम बात है. भगवान का हमेशा सम्मान करना चाहिए, और किसी भी तरह से उनका अपमान नहीं करना चाहिए. इसलिए, इनविटेशन कार्ड पर इनका इस्तेमाल करना सही नहीं माना जाता है.”

कार्ड में केवल जानकारी होनी चाहिए

प्रेमानंद महाराज आगे कहते हैं कि शादी के कार्ड में सिर्फ जरूरी जानकारी होनी चाहिए जैसे दूल्हा-दुल्हन का नाम, शादी की तारीख और जगह. हालांकि, आजकल बहुत से लोग इन कार्ड पर भगवान शिव और पार्वती, राधा और कृष्ण, या सीता और राम के शादीशुदा रूप जैसी पवित्र तस्वीरें छपवाते हैं.

भगवान का होता है अपमान

 कार्ड सिर्फ एक बार इस्तेमाल होते हैं, उसके बाद उन्हें कूड़ेदान में फेंक दिया जाता है. ऐसे में उन पर छपी देवी-देवताओं की तस्वीरें अपमान का रूप ले लेती हैं, क्योंकि पवित्र तस्वीरों को कूड़ेदान में फेंकना या उन्हें पैरों तले रौंदना हमारी परंपरा के खिलाफ माना जाता है.

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