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India News (इंडिया न्यूज़), Puja Path Niyam, दिल्ली: हिंदू धर्म के अंदर पूजा पाठ को काफी महत्व दिया जाता है। सप्ताह के हर दिन किसी न किसी देवी देवता के महत्व को देखा जाता है, इसलिए प्रतिदिन सुबह-शाम घरों में पूजा आराधना होती है। देवी देवता की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है। इसके साथ ही जीवन सुखद रहता है, ऐसे में भगवान का आशीर्वाद पाने के लिए सभी भक्तजन विधि विधान के साथ पूजा पाठ करते हैं, हालांकि आपको आपकी पूजा का पूर्ण तभी प्राप्त होता है। जब आप सही समय और नियम के अनुसार पूजा करें।
आमतौर पर देखा जाए तो लोग किसी भी समय पूजा कर लेते हैं। जिसके कारण देवी देवता नाराज हो जाते हैं और उनके परिवार में परेशानी आने लगती है। शास्त्रों में पूजा पाठ के लिए कई नियम बनाए गए हैं और उनका पालन करना जरूरी है।
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धार्मिक मान्यताओं की माने तो पूजा का सही समय बहुत जरूरी होता है। ऐसा करने से ही पूजा सफल मानी जाती है। बता दे प्रतिदिन पांच बार पूजा करनी चाहिए, इसमें से पहले पूजा ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:30 से 5:00 बजे, दूसरी पूजा 9:00 बजे। वही उसके बाद की पूजा दोपहर 12:00 बजे और संध्या पूजा 4:30 से 6:00 के बीच होती है। इसके साथ ही आखिर में श्यन पूजा रात के 9:00 की जाती है। Puja Path Niyam
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शास्त्र में लिखा गया है कि हमें कभी भी दोपहर के समय पूजा नहीं करनी चाहिए, यदि आप दोपहर 12:00 से लेकर 3:00 तक पूजा कर रहे हैं। तो यह सही नहीं है। इस समय पूजा करने से फल की प्राप्ति नहीं होती।
पूजा का समय भी जरूरी है। इसके साथ ही विधि को भी ध्यान में रखना जरूरी है। पूजा के समय हमेशा आपका मुख पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। मान्यता के अनुसार पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करने से पूजा करने के सभी फल घर में आते हैं और बरकत होती है। इस दौरान घड़ी, धूप, अगरबत्ती जैसी पूजा सामग्री को रखें। इस बात का ध्यान रखें कि बिना सिर ढके पूजा ना करें।
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