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Panchak: आज से शुरु हुए राज पंचक, अगले 5 दिनों तक इन कामों को करने की होती है मनाही, जाने इसका समय

Nishika Shrivastava • LAST UPDATED : January 23, 2023, 4:52 pm IST

Panchak January 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, साल का पहला पंचक आज से शुरू हो गया है। बता दें कि सोमवार से शुरू होने की वजह से इसे राज पंचक कहा जाएगा। आज से अगले 5 दिनों तक कुछ कामों को करने से मना किया जाता है। साथ ही कुछ ऐसे काम भी है जिन्हें करने से जरूर सफलता हासिल होती है।

आपको बता दें कि हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक या फिर शुभ काम करने से पहले मुहूर्त जरूर देखा जाता है। माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य का फल अच्छा होता है। अब ऐसे ही हर मास के 5 दिन होते है, जिनमें किसी भी तरह के शुभ काम करने की मनाही होती है। इन पांच दिनों को पंचक नाम से जाना जाता हैं। तो यहां जानिए कि पंचक कब से कब तक रहेगा और किन कामों को करने की होती है मनाही।

जनवरी 2023 में कब से कब तक होंगे पंचक?

पंचांग के अनुसार, 23 जनवरी, सोमवार को दोपहर 1 बजकर 51 मिनट से पंचक शुरू हो रहा है, जो 27 जनवरी को शाम 6 बजकर 37 मिनट पर समाप्त हो रहा है।

पंचक क्या है?

पंचक पांच नक्षत्रों के एक समूह को कहते हैं। 27 नक्षत्रों में से 5 नक्षत्र ऐसे होते हैं जिन्हें दूषित माना जाता है। इन्हीं को पंचक कहा जाता है। ये नक्षत्र है- धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, शतभिषा और रेवती नक्षत्र। पंचक धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण के आरंभ से होकर रेवती नक्षत्र के अंतिम चरण तक रहता है।

राज पंचक 2023 में कौन-से काम करना होगा शुभ

सोमवार यानी आज के दिन से शुरू होने वाले पंचकों को राज पंचक कहा जाता है। इस पंचक के दौरान सरकारी काम, संपत्ति से जुड़े काम को करने में सफलता हासिल होती है। इसके साथ ही आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।

पंचक के दौरान न करें ये काम

  • पंचक के दौरान चारपाई बनाना शुभ नहीं होता है। माना जाता है कि ऐसा करने से कोई बड़ा संकट भविष्य में आ सकता है।
  • पंचक के दौरान दक्षिण की तरफ यात्रा नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस दिशा को यम की दिशा माना जाता है।
  • अब पंचक के दौरान रेवती नक्षत्र है, तो घर की छत नहीं बनवाना चाहिए। इससे घर में रहने वाले सदस्यों के बीच मतभेद होता रहता है और धन हानि का सामना करना पड़ता है।
  • पंचक में शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाता है। अगर किया जाता है, तो शव के साथ पांच आटा के पुतले या कुश से पुतला बनाकर अर्थी में रखा जाता है।
  • पंचक के दौरान घनिष्ठा नक्षत्र है, तो घास, लकड़ी आदि जलने वाली वस्तुएं इकट्ठी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आग लगने का भय बना रहता है।

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